कौन थे दारा शिकोह, जिनकी कब्र की तलाश कर रही है केंद्र सरकार

केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने हाल ही में एक टीम का गठन किया है। यह टीम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India – ASI) के सात सदस्यों को मिलाकर बनाई गई है। मंत्रालय ने इस टीम को दारा शिकोह की कब्र (dara Shikoh Grave) की तलाश करने का काम सौंपा है।

इस टीम की अध्यक्षता टीए अलोन (निदेशक, स्मारक, एएसआई) कर रहे हैं। इनके अलावा टीम में वरिष्ठ पुरातत्व विशेषज्ञ आरएस बिष्ट, केएन दीक्षित, सईद जमाल हसन, केके मोहम्मद, बीआर मणि, सतीश चंद्र और बीएम पांडे सदस्य हैं। टीम को इस काम के लिए तीन महीने का समय दिया गया है।

सवाल है कि दारा शिकोह हैं कौन? इनका इतना महत्व क्यों है कि भारत सरकार इनकी कब्र की तलाश में जुटी है? एएसआई की टीम किस तरह दारा शिकोह की कब्र की तलाश करेगी? इन सवालों के जवाब आगे बताए जा रहे हैं।

कौन थे दारा शिकोह?

  • मुगल बादशाह शाह जहां के सबसे बड़े बेटे थे दारा शिकोह। उनका जन्म आज से करीब 405 साल पहले, 1615 ई. में हुआ था। जबकि उनकी मृत्यु अपने ही छोटे भाई औरंगजेब के साथ युद्ध में 1659 ई. में हो गई थी।
  • इतिहासकार बताते हैं कि दारा शिकोह अपने समय के अनुसार काफी आजाद ख्याल के मुसलमान थे। उन्होंने हिंदु और इस्लाम की परंपराओं के बीच समानताएं तलाशने की भी कोशिश की थी। दारा शिकोह ने भागवद् गीता और अन्य 52 उपनिषदों का पारसी भाषा में अनुवाद किया था।
  • विशेषज्ञ बताते हैं कि दारा शिकोह 17वीं सदी के सबसे आजाद सोच रखने वाले महान विचारक थे। कुछ इतिहासकार ये भी कहते हैं कि अगर औरंगजेब की जगह दारा शिकोह मुगल शासक बनते, तो धार्मिक लड़ाइयों में जाने वाली हजारों जानें बच सकती थीं।
  • एक किताब ‘द मैन हू वुड बी किंग’ में कहा गया है कि दारा शिकोह काफी दयालु, उदार और सबको साथ लेकर चलने वाले शख्स थे। लेकिन वे युद्ध के मैदान में ज्यादा प्रभावी नहीं थे।
  • हाल में दिल्ली में हुए एक कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य समेत अन्य वक्ताओं ने दारा शिकोह को ‘सच्चा हिंदुस्तानी’ बताया था। पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम विवि में दारा शिकोह के नाम से रिसर्च चेयर की स्थापना भी की गई थी।

आगरा किला भेजा गया था दारा शिकोह का सिर

‘शाहजहांनामा’ के अनुसार, ‘औरंगजेब के साथ युद्ध में हारने के बाद दारा शिकोह को जंजीर से बांधकर दिल्ली लाया गया था। इसके बाद दारा शिकोह का सिर काटकर आगरा किले में भेज दिया गया था, जबकि बाकी का शरीर दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित हुमांयू के मकबरे के परिसर में ही दफना दिया गया था।’

ASI की टीम कैसे करेगी खोजेगी दारा शिकोह की कब्र

संस्कृति मंत्रालय द्वारा गठित टीम का कहना है कि ‘हुमांयू के मकबरे के परिसर में उस परिवार के कई लोगों की कब्र है। सबसे बड़ी समस्य ये है कि ज्यादातर कब्रों पर कोई नाम अंकित नहीं है। टीम ने अभी तक इसके लिए कोई कार्य प्रणाली निर्धारित नहीं की है। ये पूरी तरह निश्चित तौर पर भी नहीं कहा जा सकता कि कब्र वहीं है, लेकिन ये एक संभावना जरूर है, जैसा कि शाहजहांनामा में जिक्र किया गया है। हालांकि किसी ने भी कब्र की निश्चित जगह का जिक्र नहीं किया है।’

टीम के एक सदस्य का कहना है कि ‘हो सकता है कि ये कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया साबित हो। लेकिन हम पूरी कोशिश करेंगे।’