दुनिया में कहां से आया कोरोना वायरस, वैज्ञानिकों को मिल गया कनेक्शन का सबूत

दुनिया में कहां से आया कोरोना वायरस, वैज्ञानिकों को मिल गया कनेक्शन का सबूत

 

  • कोरोना वायरस के ओरिज‍िन को लेकर चल रही अटकलों के बीच वैज्ञानिकों को अहम जानकारी हाथ लगी
  • अमेरिकी वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना पहले जंगली जानवरों में पैदा हुआ, फिर इंसान संक्रमित हुए
  • कोरोना वायरस से पूरा विश्‍व प्रभावित है और अब तक 184,280 लोग इस महामारी से मारे गए हैं
  • यही नहीं कोरोना के कहर से दुनिया की आधी आबादी लॉकडाउन में अपनी जिंदगी बिताने को मजबूर है

लॉस एंजिल‍िस
दुनियाभर में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के ओरिज‍िन को लेकर चल रही अटकलों के बीच अमेरिकी वैज्ञानिकों को बेहद अहम जानकारी हाथ लगी है। अमेरिकी वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस पहले जंगली जानवरों में पैदा हुआ और फिर इंसान भी इससे संक्रमित हो गए। कोरोना वायरस से पूरा विश्‍व प्रभावित है और अब तक 1,84,280 लोग इससे मारे गए हैं। यही नहीं दुनिया की आधी आबादी लॉकडाउन में अपनी जिंदगी बिताने को मजबूर है।

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और पिछले एक दशक में आई संक्रामक रोगों का संबंध वन्‍यजीवों से है। यूनिवर्सिटी में प्रफेसर पाउला कैनन ने कहा, ‘हमने ऐसी परिस्थितियां पैदा की हैं जिसमें मात्र कुछ समय के अंदर यह हो गया। यह कुछ समय बाद दोबारा होगा।’ वैज्ञानिक अभी यह निश्चित नहीं हैं कि ताजा संक्रमण कैसे शुरू हुआ लेकिन उनका मानना है कि कोरोना वायरस घोड़े की नाल के आकार के चमगादड़ों से फैला है।

‘कोरोना वायरस चमगादड़ से इंसान में फैला’
कैनन ने कहा कि इस बात के पर्याप्‍त साक्ष्‍य हैं कि कोरोना वायरस चमगादड़ से इंसान में फैला। वर्तमान समय में इस महामारी के ओरिज‍िन को लेकर सबसे अच्‍छा संक्रमण है। शोधकर्ताओं ने कहा कि चीन के वुहान शहर के एक मीट मार्केट से इंसानों में कोरोना वायरस फैला। इस मार्केट में जिंदा वन्‍यजीव बेचे जाते थे। उन्‍होंने कहा कि इसी तरह के संक्रमण कुछ साल पहले भी मर्स और सार्स के दौरान हुए थे।

शोधकर्ताओं ने कहा कि साक्ष्‍य बताते हैं कि मर्स वायरस चमगादड़ों से ऊंटों में फैला और ऊंटों से इंसान में इसका संक्रमण हुआ। वहीं सार्स के बारे में माना जाता है कि इसके वायरस चमगादड़ से बिल्लियों में फैले और वहां से इंसानों में प्रवेश कर गए। वैज्ञानिकों ने कहा कि इबोला वायरस भी चमगादड़ों से ही इंसानों में आया। इबोला वर्ष 1976, 2014 और 2016 में अफ्रीका में फैल चुका है। उन्‍होंने कहा कि हमें कोरोना वायरस के ऐसे कई जेनेटिक कोड मिले हैं जो चमगादड़ों में पाए जाते हैं।

‘दुनिया में सैकड़ों कोरोना वायरस हैं’

कैनन ने कहा कि कोरोना वायरस पर पैंगोलिन की भी छाप है लेकिन अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि क्‍या पैंगोलिन का कोई सीधी भूमिका है या वह खुद भी चमगादड़ का शिकार है। उन्‍होंने कहा, ‘सैकड़ों कोरोना वायरस हैं और इनमें से बड़ी संख्‍या में चमगादड़ में पाए जाते हैं।’ कैनन ने कहा कि हमें आशंका है कि आने वाले समय में और ज्‍यादा कोरोना वायरस इंसानों में संक्रमण कर सकते हैं। हालांकि यह 100 साल में एक बार होता है। लेकिन यह जब होगा तब जंगल की आग तरह से पूरी दुनिया में फैल जाएगा।

चीन पर आरोप, वुहान की लैब में पैदा किया कोरोना
दरअसल विश्‍वभर में कोरोना वायरस के ओरिज‍िन को लेकर बवाल मचा हुआ है। अमेरिका इस बात की जांच करा रहा है कि यह वायरस कहीं चीन के वुहान शहर की लैब में तो पैदा नहीं हुआ। अमेरिकी खुफिया एजेंसी और वैज्ञानिक इसकी जांच रहे हैं। उधर, चीन ने दावा किया है कि कोरोना वायरस के लैब में पैदा क‍िए जाने का आरोप सरासर बेबुनियाद है। डेली मेल में प्रकाशित खबर के मुताबिक, वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वीरोलॉजी में यह रिसर्च की जा रही थी। अमेरिकी सरकार ने इस शोध के लिए उसे करीब 10 करोड़ रुपये का ग्रांट दिया था। चीन की इस लैब पर पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि उसने ही यह वायरस फैलाया है। यह लैब वुहान की मांस मार्केट के पास ही है। उन्होंने शोध के लिए 1000 मील दूर गुफाओं से चमगादड़ों पकड़े थे।


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