होम आइसोलेशन में कब क्या करे, शोभित विश्वविद्यालय ने जारी की समय सारिणी

होम आइसोलेशन में कब क्या करे, शोभित विश्वविद्यालय ने जारी की समय सारिणी
  • होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल सिस्टम को लागू करे सरकार: ए.पी. गर्ग

मेरठ/गंगोह: देश भर में बढ़ती कोरोना महामारी को देखते हुए शोभित विश्वविद्यालय मेरठ ने शनिवार को डिजिटल माध्यम से अंतराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। यह वेबिनार शोभित विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना प्रबंधन को लेकर किया गया जिससे कि सीमित संसाधनों के चलते कैसे उनका पूर्ण दोहन किया जा सके और मानव जीवन को इस महामारी के प्रकोप से बचाया जा सके।

इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम की अध्यक्षयता शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) ए.पी. गर्ग ने की। बैठक की प्रारम्भ में प्रोफेसर गर्ग ने वर्तमान परिस्थितियों पर अपनी एवं विश्वविद्यालय की चिंता व्यक्त करते हुए कहा की जबकि हमारे देश महामारी के बढ़ने से अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटर्स में बेड एवं ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा न होने से विकट संकट पैदा हो गया है। उन्होंने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों से आह्वान किया की उन्हें देश एवं राज्यों में होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल सिस्टम को लागू करना चाहिए जिससे की अस्पतालों पर बढ़ते हुए दबाव को कुछ हद तक काम किया जा सके। उन्होंने आगे कहा की केवल गंभीर मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया जाये जिससे संसाधनों का उचित एवं विवेकपूर्ण इस्तेमाल ही हो। कुलपति महोदय ने कहा की यह महामारी का भयानक दौर है और हमें इससे बचना होगा और समाज को भी बचाना होगा।

इस बैठक में अन्य विशेषजों ने भी अपनी राय प्रकट की एवं सभी लोग इस बात पर सहमत थे की कोई भी चिकित्सा प्रणाली अपने आप में पूर्ण नहीं होती है। सभी में कुछ ना कुछ कमियां होती ही हैं। उनकी यह भी मत था कि महामारी को एक अलग ही परिदृश्य में मीडिया द्वारा प्रसारित एवं प्रचारित किया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप लोगों में भय एवं बैचेनी बढ़ रही है। वेबिनार में यह बताया गया की अगर मरीज को हल्का खांसी, बुखार या जुकाम है तो उसे अस्पताल में भर्ती होने या भयभीत होने की जरुरत नहीं है। इस तरह की बिमारियों का इलाज घर पर भी अपने आप को होम आइसोलेट करके भी किया जा सकता है। इस महामारी के दौर में होम आईसोलाशन सबसे कारगर उपाय है क्यूंकि अस्पतालों में एवं अन्य स्थानों पर आपको पर्याप्त सुविधाएँ नहीं मिल पाएंगी और आपकी स्थिति बदतर हो सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन कोरोना महामारी की वजह से देश में फैली अफरा तफरी एवं घबराहट को काम करने एवं उनको सुझाव देने के उद्देश्य से किया गया। देश में उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए कोरोना के बेहतर प्रबंधन के लिए होम आईसोलाशन प्रोटोकॉल का अनुसरण करना आज की आवश्यकता बन गई है।

कार्यक्रम में शोभित विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति के अतिरिक्त यूनेस्को के पूर्व प्रोफेसर एवं प्रोफेसर एमिरेट्स चीन और प्रोफेसर (डॉ) अमीना अथर, जर्मनी; श्री बाजिराव पाटिल क्लीनिकल डायरेक्टर किर्कबॉइज, USA; डॉ. सुनील नायक, यूरोपियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ, जेर्मनी, यूरोप; प्रोफेसर तुंग वीर सिंह आर्य, विभागाध्यक्ष, मेडिसिन मेरठ मेडिकल कॉलेज; प्रोफेसर अजित सक्सेना, हेड, डिपार्टमेंट ऑफ़ जेनेटिक्स एंड पेठेलोजी, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान पटना, बिहार एवं डॉ. सुदेश कुमार आदि इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स ने अपने अपने विचार प्रकट किये।

इस वेबिनार में एक्सपर्ट्स ने कोरोना के लक्षणों को भी बताया जो की निम्न प्रकार हैं। सूखा गला, सुखी खांसी और छींक, सर दर्द, बदन दर्द, और तेज बुखार, साँस कम आना, सुगंध व् स्वाद का ना पता चलना, डायरिया एवं ऑक्सीजन का स्तर 90 फीसदी से कम हो जाना इत्यादि। इन लक्षणों के साथ साथ एक्सपर्ट्स ने होम आइसोलेशन की बुनियादी जरूरतों पर भी बल दिया। अगर कोई व्यक्ति इन लक्षणों से ग्रसित है तो उसे अपने आपको होम आइसोलेट कर लेना चाहिए और होम आइसोलेशन के समय उसे कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखना चाहिए जो की निम्नवत हैं। टॉयलेट एवं कमरे की साफ़ सफाई की विशेष ध्यान रखना, पानी को गर्म करने उत्तम व्यवस्था रखना, इमरजेंसी उपकरण के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलिंडर को रखनाय, अन्य बिमारियों की भी दवाई रखना, चिकित्सक एवं मेडिकल इमरजेंसी के कांटेक्ट नंबर्स पास में रखना जिससे आवश्यकता पड़ने पर उनको समय रहते सूचित किया जा सके।

इस पैनल ने होम आइसोलेशन का पूरी समय सारिणी को रेखांकित किया है जिसको नॉनवट समझा जा सकता है।

समयानुसार गतिवधि

सुबह 6 -7 बजे – सोकर उठे, उगते सूर्य को नमस्कार करे एवं नित्य क्रिया करे

7 -7:30 बजे – योग करे तक़रीबन आधा घंटाए लम्बी साँस लेने का अभ्यास

7:30 -8:30 – विटामिन सी ए दी एवं ज़िंकयुक्त नाश्ताए गर्म दूध या हल्दी युक्त पानी ले

8 – 9:30 – नहाना ए कपडे धोनाए कमरे की सफाईए और आधा घंटा आराम

10 बजे – थोड़ा काढ़ा लें। इसमें ब्लैक पीपरए क्लोव ए तुलसीए गिलोयए निम्बूए अदरकए मुलेठीए अश्वगंधाए सोंठए अजबाइन धनिए आदि डालें।

11 बजे – एक कप या एक गिलास चाय या गर्म पानी लें। सूप भी ले सकतें हैं।

1- 1:30 बजे – लंच करें और उसके बाद भाप लें।

2 – 4 बजे तक आराम करें।

4:30 – 5:00 बजे तक थोड़ा काढ़ा लें।

7:30 – 8:30 बजे रात का भोजन करें एवं उसके बाद फिर से भाप लें।

9:30 बजे एक बार फिर काढ़ा लें और उसके बाद सोने चले जाएँ।

 

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