लुधियाना के अस्पताल में 20 घंटे मृत बच्चे के साथ पड़ी रही मां, लापरवाही की खबर फैली तो हरकत में आया स्टाफ
- लुधियाना के सिविल अस्पताल में एक मां अपने मृत बच्चे के साथ 20 घंटे लेटी रही। जब इस लापरवाही की खबर फैली तो स्टाफ हरकत में आया। उन्होंने अस्पताल के उच्च अधिकारियों को सूचित करके शिशु के शव को शवगृह में रखवाया
लुधियाना। शहर का सिविल अस्पताल लापरवाही को लेकर आए दिन विवादों में घिरा रहता है। अब एक बार फिर यहां बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। यहां जच्चा-बच्चा अस्पताल के लेबर रूम से सटे पोस्ट डिलीवरी वार्ड में जगराओं की रहने वाली प्रसूता रेखा करीब 20 घंटे तक अपने मृत बच्चे के साथ पड़ी रही।
दरअसल, रेखा को शनिवार दोपहर करीब दो बजे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। शाम पांच बजे नार्मल डिलीवरी से मृत बेटे को जन्म दिया। इसके बाद मृत बच्चे के शव को मां के पास ही रख दिया गया। लापरवाही इस कदर थी कि जिस वार्ड में प्रसूता अपने बच्चे के शव के साथ बेड पर थी, वहीं आठ अन्य महिलाएं भी अपने नवजात शिशुओं के साथ भर्ती थीं। इस लापरवाही से अन्य महिलाओं व नवजातों तक इंफेक्शन फैल सकता था। रविवार दोपहर को जैसे ही इस लापरवाही की खबर फैली, लेबर रूम का स्टाफ हरकत में आया। उन्होंने अस्पताल के उच्च अधिकारियों को सूचित करके शिशु के शव को शवगृह में रखवाया। बताया जा रहा है कि रेखा के पहले भी तीन बच्चे हैं।
एसएमओ बोले: मृत शिशु शनिवार को ही सौंप दिया था
जच्चा-बच्चा अस्पताल के एसएमओ डा. आरएस चाहल ने कहा कि रेखा को इमरजेंसी में लाया गया था। उसमें खून की कमी थी। स्टाफ ने तुरंत प्रसव करवाया, जिसमें मरा बच्चा पैदा हुआ। शनिवार शाम को ही बच्चे का शव रेखा के पति कार्तिक को दे दिया गया था। रविवार सुबह जब स्टाफ नर्स वार्ड में गई तो रेखा के बेड पर कपड़े में लिपटा शिशु था। नर्स ने तुरंत रेखा के पति को फोन किया तो उसने बताया कि व शनिवार शाम को शव दफनाने के लिए दो श्मशानघाट में गया, लेकिन किसी ने उसे शव नहीं दफनाने दिया। देर रात वह अस्पताल में आकर शव पत्नी के पास छोड़कर जगराओं अपने घर आ गया। इसके बाद स्टाफ ने उसे कई बार शव ले जाने को कहा, लेकिन उसने इंकार कर दिया। इसके बाद पुलिस को सूचित करके शव को शवगृह में रखवा दिया।
लेबर रूम के स्टाफ के बयान एसएमओ से अलग
उधर, लेबर रूम में ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ का कहना था कि मृत शिशु के जन्म के बाद से ही प्रसूता का पति गायब हो गया। स्टाफ ने शनिवार शाम को प्रसूता के पति कार्तिक को फोन किए, लेकिन वह नहीं आया। नियम है कि शिशु को घरवालों को सौंपना होता है और हैंडओवर स्लिप देनी होती है। उनका कहना है कि जब घरवाले नहीं आए तो शिशु किसे सौंपते।