… जब जज ने वकीलों से मांगी ‘दंडवत’ माफी
खास बातें
- वरिष्ठ वकील के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी का मामला
- चेतावनी देने पर न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने जताया खेद
अवमानना की कार्रवाई करने की चेतावनी मिलने के बाद एक वरिष्ठ वकील के अदालत कक्ष से बाहर जाने की घटना के दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने बृहस्पतिवार को माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात से किसी को बुरा लगा हो तो वह बार के हर सदस्य से ‘दंडवत’ माफी मांगते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में कभी भी किसी इंसान या पशु-पौधे को भी दु:ख पहुंचाया हो तो भी मैं उसके लिए माफी मांगता हूं।
सुप्रीम कोर्ट के तीसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस मिश्रा ने वरिष्ठ वकीलों के समूह से कहा, हो सकता है, मैंने कुछ कहा हो लेकिन मेरे कहने का मतलब कुछ गलत नहीं था। अगर मेरी वजह से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी चाहता हूं। उन्होंने कहा कि गोपाल शंकर नारायणन एक बेहतरीन वकील हैं, उन तक मेरा यह संदेश पहुंचा दिया जाए। दरअसल, दो दिन पहले जमीन अधिग्रहण के एक मामले की जस्टिस मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ में सुनवाई चल रही थी।
वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर दलीलें रख रहे थे। जस्टिस मिश्रा ने उन्हें दलीलों को न दोहराने को कहा जिसके बाद दोनों में नोकझोंक हुई। इसी दौरान जस्टिस मिश्रा ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की चेतावनी दी, जिसके बाद नारायणन कोर्ट रूम से बाहर चले गए थे। इस पर वरिष्ठ वकीलों समेत बार के अध्यक्ष ने जस्टिस मिश्रा से वकीलों से बात करते समय थोड़ा संयम बरतने का अनुरोध किया था।