सौरव गांगुली की तबीयत बिगड़ने पर सीपीएम नेता ने कहा- उन पर राजनीति में आने का दबाव है

सौरव गांगुली की तबीयत बिगड़ने पर सीपीएम नेता ने कहा- उन पर राजनीति में आने का दबाव है

कोलकाता : सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पर राजनीति में शामिल होने का दबाव है. शनिवार को हार्ट अटैक आने के बाद से सौरव गांगुली अस्पताल में भर्ती हैं. सौरव गांगुली के पुराने दोस्त अशोक भट्टाचार्य के इस बयान के बाद बवाल मच गया है.

ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली इस साल अप्रैल-मई में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. लेकिन गांगुली ने खुद कभी सियासत में उतरने को लेकर कुछ नहीं कहा. शनिवार को आए हल्के हार्ट अटैक के बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गई. उनका फिलहाल कोलकाता के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है.

भट्टाचार्य लंबे वक्त से सौरव गांगुली के दोस्त रहे हैं. उन्होंने कहा, “कुछ लोग गांगुली का इस्तेमाल राजनीति के लिए करना चाहते हैं. इससे वह दबाव में आ गए हैं. वह राजनीति के लिए नहीं हैं. उन्हें खेल के आदर्श के तौर पर ही रहना चाहिए.” भट्टाचार्य ने कहा, ‘हमें उन पर दबाव (राजनीति में शामिल होने के लिए) नहीं बनाना चाहिए. मैंने पिछले हफ्ते सौरव से कहा था कि उन्हें राजनीति में नहीं आना चाहिए और उन्होंने मेरी बात का विरोध नहीं किया.’

भट्टाचार्य के बयान पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग अपनी ओछी सोच के कारण हर बात में राजनीति देखते हैं. सौरव के करोड़ों चाहने वालों की तरह, हम भी चाहते हैं कि वे जल्दी स्वस्थ हों.’

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री सोभानदेब चटर्जी ने कहा कि सौरव को अपनी पार्टी में शामिल कराने के कभी कोई प्रयास नहीं किए गए. वे स्पोर्ट्स आइकन हैं. चटर्जी भी सौरव की तबीयत का हाल-चाल लेने अस्पताल गए थे.

गांगुली के पूर्व साथी खिलाड़ी और राज्य सरकार में मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला, टीएमसी की विधायक और बीसीसीआई के दिवंगत अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी बैशाली डालमिया, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और अन्य नेता भी हॉस्पिटल जाकर सौरव गांगुली से मिले. सौरव गांगुली की तबीयत पूछने के लिए पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को अस्पताल गए थे. एक हफ्ते पहले गांगुली ने धनखड़ के साथ राजभवन में बैठक की थी.