कांशीराम के बहाने मायावती ने सीएम योगी का जताया आभार, तो अखिलेश यादव ने दिया ऐसा रिएक्शन

कांशीराम के बहाने मायावती ने सीएम योगी का जताया आभार, तो अखिलेश यादव ने दिया ऐसा रिएक्शन

लखनऊः यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में बड़ी रैली की। रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कांशीराम के बहाने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने अखिलेश से कई तीखे सवाल भी पूछे थे। अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए मायावती के सवालों का जवाब दिया और बसपा का बीजेपी से सांठगांठ करने का आरोप लगाया।

मायावती पर बीजेपी से सांठगांठ करने का आरोप

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि ‘क्योंकि ‘उनकी’ अंदरूनी सांठगांठ है जारी, इसीलिए वो हैं ज़ुल्मकरनेवालों के आभारी..’। अखिलेश ने आरोप लगाया कि बसपा और मायावती ने बीजेपी से सांठगांठ की है। इसलिए मायावती सरकार का आभार जता रही हैं।

 

 

मायावती को अखिलेश यादव ने दिया करारा जवाब

एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने मायावती पर कहा कि अगर जुल्म करने वालो की आभारी हैं तो ये सांठगांठ नहीं है तो क्या है? सपा प्रमुख ने कहा कि सपा सरकार आई तो रिवरफ्रंट पर कांशीराम की प्रतिमा लगायेंगे और पार्क बनायेंगे। पूर्व सीएम अखिलेश ने कहा कि कांशीराम को इटावा से सांसद बनाने में सपा का, मुलायम सिंह यादव का सहयोग रहा। मायावती की प्रतिमा उनके अलावा किसी ने लगाई तो मैंने लगाई। सपा सरकार में स्मारकों का पूरा रखरखाव हुआ। एक बार मैं एयरपोर्ट जा रहा था तो मैंने देखा स्मारक में खजूर के पेड़ सूख रहे थे तो मैंने अच्छे पिंक फूल के पेड़ लगवाए। पत्थरों का रंग काला नहीं होता अगर बीजेपी ने सही रखरखाव किया होता। हो सकता है कि बीजेपी स्मारक भी बेच दे।

मायावती ने क्या कहा था

लखनऊ में रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा था कि मैं राज्य सरकार की आभारी हूं क्योंकि सरकार ने कांशीराम स्मारक की मरम्मत कराई। टिकट के पैसे अपने पास नहीं रखा। टिकट के पैसे से मरम्मत कराई। भाजपा सरकार के पहले जब सपा सरकार थी तो सपा सरकार ने पैसा दबा कर रखा था। सभी स्मारकों का बुरा हाल था। सब पैसा दबा कर रखा। तब सपा सरकार में मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी कि टिकट के पैसे से स्मारक के रखरखाव करे लेकिन कुछ नहीं किया। अब सत्ता के बाहर हैं तो काशीराम के नाम पर गोष्ठी करेंगे। जब सरकार में रहते है तो पीड़ीए नहीं याद आता।

मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि जब उनकी सरकार थी तो कांशीराम के नाम पर नगर, यूनिवर्सिटी के नाम क्यों बदले? सत्ता में नहीं रहते तो महापुरुष और पीडीए याद आता है। ऐसे लोगों से सावधान रहने की ज़रूरत है। कांशीराम स्मारक की मरम्मत नहीं होने के वजह से यहां पुष्प नही अर्पित नहीं कर पा रहे थे लेकिन अब मरम्मत हो गई। पहले से ज़्यादा भीड़ आई है।


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