पटना। पीएम मटेरियल को लेकर बिहार सीएम ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया। प्रधानमंत्री के गुण से जुड़े एक सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि इसकी चर्चा मत करिए। पार्टी की मीटिंग होती है तो जिसका जो मन आता है बोलता है। जदयू की मीटिंग केवल पीएम मटेरियल को लेकर नहीं थी। पार्टी अध्यक्ष का निर्वाचन, जदयू का संविधान और जातिगत जनगणना पर चर्चा हुई थी। नीतीश ने कहा कि अब इस मामले पर हमको क्षमा करियेगा। दरभंगा और मधुबनी के बाढ़ प्रभावित इलाके के हवाई सर्वेक्षण से लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट परिसर में संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही।
जाति आधारित जनगणना के बारे में केंद्र से कोई जबाव आया कि नहीं इस बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कोई सूचना नहीं मिली है। इंतजार कीजिए, अभी जनगणना शुरू कहां हुई है? हमलोगों ने तो अपनी बात कह ही दी है। निर्णय तो केंद्र सरकार को करना है। इस दौरान सीएम के साथ जल संसाधन मंत्री संजय झा भी मौजूद थे।
सरकार राहत दिलाने की कर रही कोशिश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना की वजह से राज्य में बहुत सारे काम को रोकने पड़े हैं। काम जब अवरुद्ध होगा तो स्वाभाविक है कि उसका नुकसान होगा। कई प्रकार की कठिनाइयां होंगी। सरकार इस पर काम कर रही है कि किस प्रकार से लोगों को राहत मिले। लोगों को काम दिया जाए इस पर काम हो रहा है। जो स्थिति है लोग जान ही रहे हैैं। पिछले डेढ़ वर्षों से यह चल रहा।
बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने दरभंगा और मधुबनी के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके अतिरिक्त वह कुशेश्वर स्थान भी गए। इच्छा थी कि नीचे जाकर देखें। यह ऐसा इलाका है, जहां बारह महीने में छह महीने पानी रहता है। एक बार पानी अंदर आ गया तो फिर उसे निकलने में परेशानी है। इस इलाके में बाढ़ प्रभावितों के लिए रहने व भोजन का इंतजाम बड़े पैमाने पर किया गया है। बड़ी संख्या में पीड़ित परिवारों को छह-छह हजार रुपए दिए गए हैं। वह इसे देखने गए थे। उन्होंने कहा कि इस इलाके की समस्या को कम किए जाने को ले वह सोच रहे कि तीन नदियों पर इंबैैंकमेंट बनाया जाए।