दरूद ए पाक पढ़ता हूं तो बरकत नाज करती है: अजमल

- मुशायरे में अपना कलाम पेश करते शायर तनवीर अजमल
देवबंद [24CN] : मंगलवार की रात मौहल्ला बडजियाऊलहक में दरगाह शरीफ हजरत हाजी अजमत अली शाह पर जश्न मिलादुन्नबी 12 रबीउल अव्वल के मौके पर एक नातियां मुशायरा का आयोजन किया गया।
मुशायरे का आगाज वली मोहम्मद द्वारा कुरान शरीफ की तिलावत से किया गया और जाफर साहब ने हम्दपाक पेश की ओर कारी जुनैद ने हजरत मोहम्मद साहब के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुशायरे में शायर तनवीर अजमल ने पढा कि दरूद ए पाक की अजमत का आलम क्या कहूं अजमल, दरूद ए पाक पढ़ता हूं तो बरकत नाज करती हैं।
शमीम किरतपुरी ने पढा कि .मेरा ये काम रसूल ए अनाम हो जाए, मदीने जाने का कुछ इंतजाम हो जाए। पीलीभीत से देवबंद मुशायरे में पहुंचे सययद नाजिम ने अपना कलाम पेश करतंे हुए पढा कि मनाए हम जश्न ए मिलाद जिनकी सना खुद रब करता है, उनको करे हम याद मनाए हम जश्न ए मिलाद। दिलशाद खुश्तर ने पढा कि अब छोड़ ये दुनिया की बेकार की बाते, आओ करें अल्लाह के दिलदार की बाते।
शायर महताब आजाद ने अपना कलाम कुछ यूं पढा कि या खुदा कब आएगा मेरा तैयबा से बुलावा, बस यही सोच के आंखो में आंसू आए। अदनान अनवर ने पढा कि ए खुदा मुझमें मोहब्बत का खजीना रख दे, दिल में काबा मेरी आंखों में मदीना रख दे। डा0 काशिफ ने अपना कलाम इस तरह पढा कि उनपे लाखो दरूद लाखो सलाम, जिनके सदके में जिंदगी पाई।
इनके अलावा सुहैल अकमल, जाहिद दिलबर, मोहम्मद जाफर बरेली, सरवर उस्मानी, अंजुम देवबंदी, अकील मिया, सुहैल देवबंदी, मोहम्मद अब्दुल्लाह, ने भी अपने खुबसूरत कलाम से नवाजा। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीलीभीत से तशरीफ लाए मेहमान सूफी नाजिम अली ने की ओर संचालन जहान ए अदब एकेडमी के चेयरमेन शायर तनवीर अजमल द्वारा किया गया।
इस दौरान दीवान सय्यद अली, मसरूर ठेकेदार, उमर इलाही, हाफिज उमेर इलाही, साईंम उस्मानी, शमीम अंसारी, केशु पर शाद, दीपक भाई, डॉक्टर सादिक अत्तरी, मुकर्रम अली, मोहम्मद आजाद, मुकीम अहमद, साबिर अत्तारी, शाहनवाज सलमानी, लियाकत, उवेस अत्तरी, आदि मौजूद रहे। मुशायरे के अन्त में आयोजक सय्यद हम्जा और सय्यद अफजाल ने सभी लोगो का शुक्रिया अदा किया।