‘जब गैर-मुस्लिम पर मुसलमान जुर्म करे तो जुर्म और…’, हिंदू युवक की हत्या पर बोले मौलाना महमूद मदनी

‘जब गैर-मुस्लिम पर मुसलमान जुर्म करे तो जुर्म और…’, हिंदू युवक की हत्या पर बोले मौलाना महमूद मदनी

New Delhi : बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू दास की हत्या के बाद भारत में हिंदू संगठन बेहद नाराज हैं. मंगलवार (23 दिसंबर, 2025) को घटना के विरोध में बांग्लादेश हाईकमीशन के बाहर प्रदर्शन हुआ और कोलकाता में भी हिंदूवादी संगठन उप उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरे. हालांकि, जब उन्हें प्रदर्शन करने से रोका गया तो उनकी पुलिस के साथ झपड़ हो गई. इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महूमद मदनी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है.

महमूद मदनी ने कहा कि अगर जुर्म करने वाले मुसलमान और जिस पर किया जाए वो गैर-मुस्लिम हो तो जुर्म और ज्यादा बढ़ जाता है. दीपू दास की हत्या पर महमूद मदनी ने कहा कि ये बहुत शर्मनाक है, इस्लाम, मुसलमान इस तरह का काम करें तो हमारी नजरें झुकती हैं और इस घटना की जितनी निंदा की जाए वो कम है.

मौलाना महमूद मदनी ने कहा, ‘एक तो किसी को मारने का अधिकार सभ्य समाज में नहीं होना चाहिए. चाहे किसी ने कितना भी गलत काम किया हो, उसको सजा देने का एक प्रोसेस होता है, उस प्रोसेस से करो. फिर करने वाले मुसलमान हो और जिसके साथ किया जा रहा है, वो नॉन-मुस्लिम हो तो उसका जुर्म और ज्यादा बढ़ जाता है, तो हम इसकी सख्ती से मजम्मत करते हैं और बांग्लादेश के लोगों से ये कहना चाहते हैं कि उनके मुल्क में ये तो बहुत बड़ी बात है किसी को मारा जाना, किसी के साथ अत्याचार भी हो तो ये इस्लाम तो इसकी इजाजत नहीं देता है.’

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यूपर्ण है कि एशिया में कट्टरवाद बढ़ रहा है और इसे काउंटर किया जाना चाहिए, इसे कम करने के लिए कुछ किया जाना चाहिए. ये जरूरी चीज है. 18 दिसंबर को बांग्लादेश के बालुका में ईशनिंदा के आरोप में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद उसके शव को आग के हवाले कर दिया गया. दीपू एक कपड़ा कारखाने में काम करता था. इस मामले में अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.


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