‘मेरे शब्दों की गलत व्याख्या की गई…’, पहलगाम हमले पर विवादित बयान के बाद क्या बोले रॉबर्ट वाड्रा?

‘मेरे शब्दों की गलत व्याख्या की गई…’, पहलगाम हमले पर विवादित बयान के बाद क्या बोले रॉबर्ट वाड्रा?
नई दिल्ली। पहलगाम हमले पर बयान देने के बाद से रॉबर्ड वाड्रा सवालों के कठघरे में हैं। उन्होंने मुसलमानों को कमजोर बताते हुए इस हमले की वजह बीजेपी की हिन्दुत्व वादी नीति को ठहराया था, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर विवाद शुरू हो गया। वहीं, अब रॉबर्ड वाड्रा ने अपने बयान पर सफाई पेश की है।फेसबुक पर पोस्ट शेयर करते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। लोग उनके बयान का पूरा मतलब नहीं समझ पाए। उन्होंने साफ किया है कि पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या किसी मायने में सही नहीं थी।

फेसबुक पोस्ट में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि –

मैं ये शब्द पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ लिख रहा हूं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप इन्हें उसी ईमानदार भावना के साथ ग्रहण करें, जिस भावना से ये लिखे जा रहे हैं। यह स्पष्ट है कि मैंने जो कुछ साझा किया, उसे उसके संपूर्ण संदर्भ में ठीक तरह से नहीं समझा गया। चूंकि मेरे इरादों की गलत व्याख्या की गई, इसलिए मैं समझता हूं कि उन्हें स्पष्ट करना मेरी जिम्मेदारी है।

मौन रहकर इंतजार किया: रॉबर्ट वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा का कहना है कि “मैंने कुछ दिन मौन रहकर इंतजार करने का फैसला किया, लेकिन इसे खामोशी, उदासीनता या देशभक्ति की कमी न समझा जाए। असल में, अपने देश के प्रति मेरे गहरे प्रेम, सत्य के प्रति मेरे अगाध सम्मान और समर्पण के प्रति मेरी प्रतिबद्धता के कारण ही मैंने बोलने से पहले चिंतन करने का समय लिया।”पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए रॉबर्ट वाड्रा कहते हैं –

पहलगाम में जो आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें निर्दोष लोगों की जान ली गई और उनके परिवार बिखर गए, उसकी मैं कड़ी से कड़ी निंदा करता हूं। मैं भारत के साथ खड़ा हूं और हमेशा खड़ा रहूंगा। राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक – किसी भी रूप में ऐसा कोई तर्क नहीं है जिसके सहारे निर्दोष- निहत्थे लोगों के विरुद्ध हिंसा को माफ किया जा सके।

मैं शोक व्यक्त करता हूं: रॉबर्ट वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा ने आगे लिखा कि “किसी भी रूप में आतंकवाद न केवल इंसानों पर बल्कि समूची इंसानियत की आत्मा पर हमला है। यह हर इंसान के भयमुक्त जीवन जीने के बुनियादी अधिकार को खत्म कर देता है।निर्दोष लोगों के खून बहाने के कृत्य को जायज ठहराने के लिए कोई भी कारण, कोई भी तर्क उचित नहीं हो सकता। जिनका जीवन छिन गया, जिनका भविष्य छिन गया, जिनके दिल अकल्पनीय दुःख से भर गए हैं – उन सबके लिए मैं शोक व्यक्त करता हूं।”

 

 

अहिंसा सबसे साहसी विकल्प: रॉबर्ट वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा ने अहिंसा की गुहार लगाते हुए कहा कि “मैं सभी से महात्मा गांधी जी की सीख को याद करने का आग्रह करता हूं – उन्होंने कहा था कि अहिंसा सबसे साहसी विकल्प होता है। हमारे देशवासियों का दुख हमारा अपना दुख है। आज इस दुख की घड़ी में एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करता हूं जहां कोई भी बच्चा, कोई भी परिवार, कोई भी समुदाय आतंक के साये में न रहे। 

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि पहलगाम हमले के बाद रॉबर्ट वाड्रा ने एक साक्षात्कार में कहा था कि आतंकियों ने धर्म पूछकर जो हत्याएं की हैं, उसके लिए मोदी सरकार की हिंदुत्व की नीति जिम्मेदार है। मुसलमान भारत में खुद को कमजोर महसूस कर रहा है। आतंकियों को लगा होगा कि मुसलमानों की परेशानी की वजह हिंदू हैं।


विडियों समाचार

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