केंद्रीय कैबिनेट विस्तार पर क्या बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया

केंद्रीय कैबिनेट विस्तार पर क्या बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश से बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, पशुपति पारस, सर्वानंद सोनोवाल, सुशील मोदी सहित कई नेता राजधानी दिल्ली पहुंच चुके हैं.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश से बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, नारायण राणे, पशुपति पारस, सर्वानंद सोनोवाल, सुशील मोदी सहित कई नेता राजधानी दिल्ली पहुंच चुके हैं. अगले एक या दो दिनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव हो सकता है. पार्टी और सहयोगी दलों के कई नेताओं को इसके लिए दिल्ली बुलाया जा रहा है. जब मध्य प्रदेश के बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से ये सवाल पूछा गया कि क्या आप भी केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने जा रहे हैं. तो उन्होंने जवाब देते हुए बताया कि मेरे पास तो इसके लिए कोई कॉल नहीं आई, अगर आती है तो मैं आप सब को जरूर बताउंगा.

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को दो साल पूरे चुके हैं, इस दौरान कोरोना वायरस की महामारी ने देश में जो तबाही मचाई है उससे केंद्र सरकार (Image of Center) की छवि पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार कैबिनेट विस्तार के जरिए केंद्र सरकार के कामों को गति देने में और सभी समीकरणों को ठीक करने की ओर कदम उठाए जा सकते हैं.

मोदी कैबिनेट विस्तार के इस विस्तार के जरिए क्षेत्रीय, जातीय और दलीय समीकरण को भी देखा जा सकता है. आपको बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में यहां पर केंद्र सरकार का बड़ा फोकस रहेगा. वहीं बिहार को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह बनाने में तरजीह दिया जा सकता है, क्योंकि बिहार में एनडीए की सरकार है बीजेपी के साथ जेडीयू और सहोयगी दलों को मौका मिल सकता है. अगले साल होने वाले 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बस दो साल के बाद ही साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं केंद्र इन बातों को ध्यान में रखकर कैबिनेट का विस्तार करेगा.

कई मंत्रियों के पास एक से अधिक विभाग
नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट विस्तार का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा है कि, इस कैबिनेट में कई नेताओं के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं जिससे कि वो एक साथ कई जगह उतनी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं. इनमें से प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी सहित कई मंत्रियों का नाम इस लिस्ट में शामिल है. ऐसी स्थिति में अगर मोदी कैबिनेट में 20 से अधिक मंत्रियों को कैबिनेट विस्तार होता है तो अतिरक्त प्रभार वाले मंत्रियों पर काम का बोझ कुछ कम होगा और वो पहले से बढ़िया काम कर सकेंगे.