ओलिंपिक पदक विजेताओं के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आंदोलन का जब समाधान निकलना होगा तब निकल जाएगा, वे हारने वाले नहीं हैं। अभी तो आंदोलन को चलते 10 महीने हुए हैं, जबकि आंदोलन को तो 43 माह तक चलना है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी को सैलरी स्लिप दी जाती है, इस प्रकार से हमें भी एमएसपी का गारंटी कार्ड देने का काम सरकार कर दे।

सरकार से फिर टकराने की हो रही तैयारी

टिकैत ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2022 में किसान की आमदनी दोगुनी हो जाएगी। कुछ महीनों की ही बात रह गई है, सरकार भी अपने स्तर पर इसका प्रचार शुरू कर दे और हम भी इसका पुरजोर प्रचार करेंगे। हमारे गेहूं का रेट पहली जनवरी से चार हजार रुपये होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम भाव दोगुने चाहते हैं, प्रधानमंत्री ने भी यही कहा था और अब हम इस बात को बोर्डों पर लिखकर प्रचार करेंगे।

मिठाइ खिलाने के लिए रखी शर्त

उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में सरकार को भीड़ के रूप में दवाई दी जा चुकी है, यही भीड़ की दवाई वोट में तबदील होने वाली है। पंजाब में गन्ने का रेट बढ़ाने पर मुख्यमंत्री कैप्टन को किसान नेताओं द्वारा मिठाई खिलाने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि हमारी भी मांग केंद्र सरकार मान ले, एमएसपी कानून देने के साथ ही जितनी लाठियां किसानों पर भांजी है, उस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री माफी मांग ले तो हम भी मिठाई खिलाने को तैयार हैं।

मजाकिया लहजे में सरकार पर कसा तंज

एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री की आपस में बात नहीं बन पा रही है। गृहमंत्री मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो मुख्यमंत्री केंद्र में जाना चाहते हैं, इन दोनों का आपस में टकराव है। भाजपा का विरोध कब तक जारी रहेगा इसके सवाल पर टिकैत ने कहा कि हम तो अपनी काली भैंस भी गली से गुजार दें तो वह भाजपा की विरोध ही समझा जाए।