कमेला कॉलोनी में विकसित किया जायेगा वेटलैंड

- सहारनपुर में निगम में योजनाओं पर बैठक करते निगम के अधिकारी।
सहारनपुर [24CN]। कमेला कॉलोनी में करीब तीन हेक्टेयर निगम भूमि को जैव विविधता से भरे वेटलैंड के रुप में विकसित किया जायेगा। यहां गैस रिसाव प्रणाली भी स्थापित की जायेगी। उधर रायवाला स्थित नगर निगम की भूमि में बनाये गए तालाब में कछुआ, मछली आदि जलीय जीव जन्तुओं को पुर्नवासित किया जायेगा। इस पर कार्य शुरु कर दिया गया है। नगरायुक्त ने दोनों स्थानों पर पेड़ पौधे लगाने के अलावा उपचार हेतु अन्य संयत्र लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिए है।नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई निगम की पर्यावरण अनुश्रवण समिति की बैठक में आक्सीजन व जैव विविधता के संरक्षण के लिए कार्ययोजनाओं पर विचार विमर्श किया गया।
नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने रायवाला में बनाये गए तालाब तथा मियावाकि जंगल को और अधिक विकसित कर मानव व जीवजंतुओं के सहअस्तित्व को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सहारनपुर के लोगों को शुद्ध वायु मिले तथा अधिक से अधिक जल संरक्षण हो सके इसके लिए लगातार काम किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कमेला कॉलोनी में विकसित किये जा रहे पार्क में एक लाख पौधे लगाने के निर्देश दिए।
निगम के पर्यावरण प्लानर उमर सैफ ने बताया कि करीब दो वर्ष पूर्व रायवाला स्थित निगम की भूमि पर आक्सीजन व जैव विविधता के संरक्षण के लिए मियावाकी तकनीक से सघन वनीकरण किया गया था। जिसके सुखद परिणाम सामने आने लगे है। उन्होंने बताया कि जैव मंडल के निर्माण की अवधारणा के साथ बनायी गयी योजना के तहत भूमि में एक तालाब बनाया गया था। जिसमें उपचारित जल को एकत्रित कर उसमें कछुआ व मछली आदि जलीय जीव जंतुओं को पुर्नवासित किया जायेगा।
मौहल्ला रायवाला क्षेत्र के लोगों के उपयोग के बाद जो गंदा पानी इस मैदान में आता था रीड बैड तकनीक से उसका शोधन करने वाले टायफा, फ्रेग माइटिस, कर्का कैना इंडिका आदि पेड़ पौधे वहां लगाये गए हैं। इन पौधों की जडेघ् गंदे पानी से उर्वरकों को खींचकर बायोमास में बदल देती है तथा ये पौधे हवा से कार्बन डाई आक्साइड लेकर ऑक्सीजन देते हैं।
कमेला कॉलोनी स्थित तीन हेक्टेयर भूमि के सम्बंध में सैफ ने बताया कि कूड़ा कचरा हटाकर तीन माह पहले एक हेक्टेयर भूमि में मियावाकि तकनीक से सघन वनीकरण कर दिया गया है तथा उक्त भूमि के बीचोबीच एक तालाब बनवाया जा रहा है। इसके चारों ओर भी पेड़ पौधे लगाकर इसे जैव विविधता से भरे वेटलैंड के रुप में विकसित किया जायेगा तथा जन सहभागिता बढ़ाने के लिए विभिन्न स्कूलों के बच्चों, मदरसे के छात्रों एव एनजीओ का भी सहयोग लिया जायेगा।उन्होंने बताया कि जमीन के पुराने बैक्टीरिया कई वर्षो तक जहरीली गैसों का उत्सर्जन करते है,इसके उपचार हेतु गैस रिसाव प्रणाली भी लगायी जायेगी।
बैठक में मुख्य अभियंता निर्माण कैलाश सिंह, महाप्रबंधक जल मनोज आर्य, सहायक नगरायुक्त अशोक प्रिय गौतम, अधिशासी अभियंता सुशील सिंघल, नगर स्वास्थय अधिकारी डॉ.कुनाल जैन, लेखाधिकारी राजीव कुशवाह के अतिरिक्त अनेक अधिकारी मौजूद थे।