‘हम आपके फोन ट्रैक कर रहे हैं’, विवाद बढ़ने पर मंत्री बावनकुले ने दी सफाई; संजय राउत पर कसा तंज
मुंबईः बीजेपी के सीनियर नेता और महाराष्ट्र के रेवेन्यू मिनिस्टर चंद्रशेखर बावनकुले ने पार्टी मीटिंग में यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया है कि आने वाले लोकल बॉडी इलेक्शन से पहले भाजपा वर्कर्स के मोबाइल फोन और WhatsApp एक्टिविटीज़ पर नज़र रखी जा रही है। बावनकुले की गिरफ्तारी की मांग करते हुए, शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि बीजेपी विपक्षी नेताओं और रूलिंग अलायंस पार्टनर्स के फोन भी टैप कर रही है।
संजय राउत पर कसा तंज
मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भंडारा में दिए गए अपने बयान पर सफाई देते हुए शुक्रवार को नागपुर में कहा कि संजय राउत को बोलते की आदत है। किसी बयान को तोड़ मरोड़ करके जनता का ध्यान खींचना उनका काम है। बीजेपी के सम्मेलन में मैंने कहा कि एक करोड 51 लाख सदस्य हैं। भारतीय जनता पार्टी के हर बूथ का एक व्हाट्सएप ग्रुप है। बीजेपी के कार्यकर्ता काम करते हैं। एक्टिव मेंबरशिप का एक व्हाट्सएप ग्रुप है। वह व्हाट्सएप ग्रुप हमारे वार रुम को जोड़ा गया है। महाराष्ट्र बीजेपी के वार रूम से जोड़ा गया है और वह वार रूम रोज मॉनिटर करते हैं।
मोदी सरकार के, देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्य को समाज का आखिरी व्यक्ति तक ले जाना, उस वार रूम में प्रश्न भी आते हैं। कुछ कार्यकर्ता नेगेटिव पोस्ट डाल देते हैं। उसका समाधान नहीं होता है तो इससे पार्टी की नेगेटिविटी तैयार होती है। सारे व्हाट्सएप ग्रुप हमारे वार रुम से जुड़े हुए हैं। इसको हम लोग मॉनिटर करते हैं और उसको हम सुलझाते हैं।
पार्टी फोरम में बात रखें पार्टी कार्यकर्ता
महाराष्ट्र के रेवेन्यू मिनिस्टर चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि उन्होंने भाजपा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आने वाले स्थाई स्वराज संस्था में कोई विद्रोह ना करें। यदि आप यह विद्रोह करेंगे तो नेता उनको नहीं सम्भालेगे। यह विद्रोह वाला चुनाव नहीं है। यह गांव के विकास की राजनीति का चुनाव है। हमारे पार्टी के सम्मेलन में में क्या बोल रहा हूं। इससे संजय राउत को क्या लेना है। हमारे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का व्हाट्सएप ग्रुप को हम मॉनिटर करते हैं। संजय राउत कौन होते हैं बोलने वाले।
पार्टी कार्यकर्ताओं को दी चेतावनी
बावनकुले ने कहा कि स्थानीय स्वराज संस्था के चुनाव मे जो बागी हुए तो पार्टी के बड़े नेताओं के दरवाज़े उन कार्यकर्ताओं के लिए पांच साल के लिए बंद हो जाएंगे। यह बात सभी को याद रखनी चाहिए। साथ ही, यह कहते हुए कि सभी मोबाइल और WhatsApp ग्रुप सर्विलांस पर लगा दिए गए हैं और सभी पर कड़ी नजर रखी जाएगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पालन करने की हिदायत दी।
