‘हम नीतीश सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार, लेकिन…’, बिहार पहुंचकर असदुद्दीन ओवैसी ने रख दी ये शर्त
हैदराबाद से सांसद और AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि वो नीतीश कुमार सरकार को समर्थन देंगे, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक शर्त भी रखी है. उन्होंने कहा है कि सीमांचल को उसका हक मिले. ओवैसी ने यह बात आमौर में एक जनसभा में कही है. उन्होंने कहा है कि सीमांचल दशकों से उपेक्षा का शिकार हो रहा है. अब स्थिति सुधरना चाहिए.
VIDEO | Bihar: Addressing a gathering in Amour, AIMIM Chief Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) said, “We will open the party office for all our five MLAs, and they will sit in that office and interact with people, twice every week. We will try to start this work within six months. I… pic.twitter.com/1vN33gN7WW
— Press Trust of India (@PTI_News) November 22, 2025
बिहार की रैली में क्या बोले ओवैसी?
ओवैसी ने कहा कि हम नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देने को राजी हैं. सीमांचल को उसका न्याय मिलना चाहिए. सिर्फ पटना और राजगीर तक विकास सीमित नहीं रहना चाहिए. सीमांचल के इलाके पलायन, भ्रष्टाचार समेत मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं.
साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि अपने चुने हुए विधायकों के कामों पर पूरी नजर रखेंगे. उन्होंने कहा, हमारे पांचों विधायक हफ्ते में दो दिन अपने ऑफिस में बैठेंगे. साथ ही अपनी लाइव लोकेशन भी मुझसे साझा करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा है कि वो हर 6 महीने में इन इलाकों का दौरा करेंगे.
AIMIM के विधायक RJD हो गए थे शामिल
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में सीमांचल इलाके में एनडीए ने 14 सीटें जीती हैं. इस बार ओवैसी ने इन इलाकों में 5 सीटें जीती हैं. साल में 2020 में भी उनकी पार्टी ने यहां 5 सीटें जीती थीं, लेकिन उस वक्त 4 विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे.
सीमांचल की पांच सीटों पर ओवैसी का कब्जा
इस बार के चुनाव में तय हो गया है कि सीमांचल के यह इलाके उनकी पार्टी पर कितना भरोसा करते हैं. उनकी पार्टी ने यहां पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार जिताए हैं. इन इलाकों में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है. इन इलाकों से कोसी नदी भी बहती है. कोसी की बाढ़ ही इन इलाकों को प्रभावित करती है. यह इलाके ग्रामीण आबादी से घिरे हुए हैं.
बता दें, इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की है. वहीं महागठबंधन को उम्मीद के मुताबिक बेहद कम सीटों पर जीत मिली है. नीतीश कुमार ने 10वीं बार राज्य के बतौर मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है.
