देश में अराजकता फैला रहे हैं वसीम रिजवीः उलमा
देवबंद [24CN] : शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के कुरआन की २६ आयतों को हटाए जाने संबंधी अदालत में दायर की गई याचिका को लेकर उलमा और मुस्लिम बुद्धजीवियों ने कड़ी नाराजगी जताई है। उलमा का कहना है कि रिजवी की घटिया मानसिकता से दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं। इसलिए उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि वसीम रिजवी अपने आकाओं को खुश करने तथा पुराने मामलों में जेल में जाने से बचने के लिए मुल्क का माहौल खराब करने वाले काम कर रहे हैं। पूरी दुनिया जानती है कि कुरआन ने हमेशा प्यार मोहब्तत और भाईचारे का संदेश दिया है।
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि वसीम रिजवी हमेशा विवादित बयान देने के साथ ही इस प्रकार के कार्य करते हैं जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। ताजा मामले को लेकर उनके बयान की चारों तरफ आलोचना हो रही है।उन्होंने कहा कि कुरआन एक आसमानी किताब है जिसमें एक शब्द न हटाया जा सकता है न ही जोड़ा जा सकता है। वे इस तरह के कार्य कर देश में अराजकता फैला रहे हैं। कहा कि सरकार को चाहिए वह रिजवी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करे।
राव मुर्शरफ अली ने कहा कि कुरआन से २६ आयतों को हटाए जाने की याचिका दायर करना पागलपन है। कुरआन इस्लाम धर्म का आधार है और मुसलमानों की इसमें पूरी आस्था है। इसके ऊपर यकीन न करने वाला मुसलमान नहीं हो सकता। अंसारी ने याचिका को स्वीकार न करने तथा रिजवी पर सौ करोड़ रुपये का हर्जाना लगाने की मांग की है।