कर्नाटक उपचुनाव: 15 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू, येदियुरप्पा के लिए परीक्षा की घड़ी
- सरकार बचाए रखने के लिए कम से कम छह सीटें जीतना जरूरी
- नौ दिसंबर को घोषित कर दिया जाएगा उपचुनाव का परिणाम
- कांग्रेस और जदएस के 17 बागी विधायक ठहराए गए हैं अयोग्य
- 225 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल विधायकों की संख्या 208
- भाजपा के 105 तो कांग्रेस के 66 और जदएस के 34 विधायक
कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार को सुबह मतदान शुरू हो गया। इन सीटों के चुनाव परिणाम से मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के भविष्य का फैसला होगा कि सरकार बचेगी या जाएगी। सरकार की सलामती के लिए भाजपा को उपचुनाव में कम से कम छह सीट पर जीत हासिल करनी होगी। चुनाव परिणाम नौ दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
कांग्रेस और जदएस के 17 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद 225 सदस्यीय विधानसभा की मौजूदा संख्या 208 में है। वर्तमान में भाजपा के विधायकों की संख्या 105 है। इसमें एक निर्दलीय भी है। कांग्रेस के 66 और जदएस के 34 विधायक हैं। इसके अलावा बसपा का एक, एक नामित और एक विधानसभा अध्यक्ष हैं। 15 सीटों पर चुनाव के बाद विधानसभा की क्षमता 223 हो जाएगी। ऐसे में भाजपा को बहुमत के लिए 111 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष की संख्या एक समान होने पर विधानसभा अध्यक्ष वोट कर सकते हैं। हालांकि दो सीटें मस्की और आरआर नगर पर चुनाव नहीं कराया जा रहा है।
भाजपा ने उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से 13 को पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ाया है। 15 विधानसभा सीटों पर बृहस्पतिवार को सुबह सात से शाम छह बजे के बीच 37.78 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने मतदाताओं से स्थिरता के लिए वोट मांगे जबकि कांग्रेस व जदएस ने सरकार गिरने के लिए जिम्मेदार बागी विधायकों को दंडित करने के लिए वोट देने की अपील की। भाजपा और कांग्रेस ने सभी 15 जबकि जदएस ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। इस बीच कांग्रेस और जदएस ने संकेत दिए हैं कि उपचुनाव के बाद भाजपा के पर्याप्त सीट हासिल नहीं करने की स्थिति में दोनों दल एक बार फिर से मिलकर सरकार बना सकते हैं।