परम्परागत शिल्पकारों की दिशा व दशा तय करेगा विश्वकर्मा महासम्मेलन: जांगड़ा
सहारनपुर [24CN] । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि आजादी के बाद किसी भी सरकार ने देश के परम्परागत शिल्पकारों के उत्थान की दिशा में कोई काम नहीं किया जिस कारण आज देश को सर्वाधिक विदेशी मुद्रा दिलाने वाला शिल्पकार वर्ग पिछड़ गया है। पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिल्पकारों के विकास के लिए योजना बनाई है जिसके चलते एक ओर जहां शिल्पकारों का सर्वांगीण विकास होगा, वहीं दूसरी ओर उन्हें पूरा मान सम्मान भी मिलेगा।
सांसद रामचंद्र जांगड़ा यहां सर्किट हाऊस में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुगलकाल में शिल्पकारों के साथ ज्यादती हुई इसका हमें कोई मलाल नहीं है क्योंकि मुगल तो देश में लूटपाट करने आए थे परंतु अंग्रेजी शासनकाल में शिल्पकारों का सर्वाधिक उत्पीडऩ व शोषण किया गया जिस कारण देश में लघु व कुटीर उद्योग धंधे बंद हो गए। देश की आजादी के बाद बनने वाली सरकारों ने लघु व कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने की बजाए औद्योगिकीकरण, बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों पर ही ध्यान केंद्रित किया जिससे भारत को विदेशों में पहचान दिलाने वाला परम्परागत शिल्पकार कुम्हार, बुनकर, बढ़ई, लुहार आदि पिछड़ेपन का शिकार हो गए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही परम्परागत शिल्पकारों के उत्थान के लिए काम शुरू किया है जिसके तहत वोकल फोर लोकल, मेकिंग इन इंडिया का नारा दिया। साथ ही कौशल विकास व स्टार्टअप योजना चलाई गई क्योंकि पराम्परागत शिल्पकार अपने कौशल का विकास करने के साथ-साथ स्टार्ट अप योजना के तहत बिना किसी गारंटी के दस लाख तक का ऋण लेकर अपना उद्योग स्थापित कर सकें।
उन्होंने कहा कि आगामी 17 सितम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाला विश्वकर्मा महासम्मेलन ऐतिहासिक होगा जो देश के परम्परागत शिल्पकारों की दिशा व दशा बदलने का काम करेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह विश्वकर्मा महासम्मेलन को सफल बनाने के लिए देश का भ्रमण कर परम्परागत शिल्पकारों को भाग लेने के लिए आमंत्रित करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि कोरोना महामारी की तीसरी लहर आई तो उस पर भी परिस्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शिल्पकार केवल शिल्पकार है। इसलिए विश्वकर्मा समाज के लोगों को अन्य धर्मों के परम्परागत शिल्पकारों को भी विश्वकर्मा के झंडे तले लाना होगा। जब वह विश्वकर्मा के झंडे नीचे आ जाएंगे तो वह स्वयं ही भाजपा से जुड़ जाएंगे।
वार्ता के दौरान पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, विधायक देवेंद्र निम, भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. प्रमेंद्र जांगड़ा, भाजपा ओबीसी मोर्चा उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश धीमान भगवानपुर, दि अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा के प्रदेश महासचिव व वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सोहल, प्रकाश चंद धीमान, डा. के. पी. सिंह धीमान, रमेश धीमान नवीन नगर, दुष्यंत धीमान, बोधराम धीमान आदि मौजूद रहे।