दिल्ली में हिंसाः पीएफआई के ऑफिस पहुंची आईबी की टीम
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली में हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भूमिका भी तलाशी जा रही है। इस मामले में रविवार को इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीम पीएफआई के शास्त्रीनगर सेक्टर-13 स्थित कार्यालय पर पहुंची, जहां ताला लटका मिला।
आईबी ने आसपास के लोगों से जानकारी ली। वहीं, खुफिया विभाग ने पीएफआई के लिसाड़ी गेट निवासी स्थानीय अध्यक्ष और पदाधिकारियों को निगरानी में ले लिया है। माना जा रहा है कि टीम जल्द ही कुछ लोगों को गिरफ्तार कर सकती है।
सीएए के विरोध में 20 दिसंबर 2019 को लिसाड़ीगेट और हापुड़ रोड क्षेत्र में हुई हिंसा में बवालियों की गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हुई थी। इनमें एक आरोपी झिलमिल कॉलोनी दिल्ली का था। प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस अधिकारियों की जांच में खुलासा हुआ था कि हिंसा के लिए पीएफआई ने दिल्ली से फंडिंग की थी। पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 12 लोगों को जेल भेजा था। जांच पड़ताल में मेरठ के अलावा लावड़, किठौर, परतापुर और खिवाई में भी एक दर्जन लोग पीएफआई से जुड़े मिलेथे।
अब दिल्ली में हुई हिंसा के बाद एक बार फिर खुफिया विभाग की टीमें अलर्ट हो गई हैं। इंटेलीजेंस ब्यूरो की टीम रविवार को गोपनीय ढंग से नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर सेक्टर 13 में पहुंची, यहां पीफआई का एक मकान में ऑफिस बना हुआ था। पूर्व में यहां से पोस्टर बांटने और मीटिंग होना सामने आया था।
यहां इंटेलीजेंस की टीम को ताला लटका मिला। जिसके बाद खुफिया विभाग की टीम शास्त्रीनगर सेक्टर-11 पहुंची यहां एक दूसरे संगठन का ऑफिस बताया गया। आसपास के लोगों ने बताया कि यह ऑफिस बंद हैं और इन्हें किराए पर देने की बात सामने आई है।
उसके बाद टीम ने लिसाड़ीगेट के फतेहउल्लापुर में पीएफआई के अध्यक्ष के यहां जाकर भी जांच पड़ताल की। आसपास के लोगों से पूछा। पुलिस और दूसरी जांच एजेंसियां भी इन पर नजर रखे हुए हैं कि दिल्ली में हुई हिंसा के समय इनकी गतिविधियां क्या रहीं और मौजूदा समय में यह कहां हैं। सर्विलांस सेल की टीम भी अलग से काम कर रही है।