बाबरी विवाद मामले में मुझे गलत तरीके से फंसाया गया: विनय कटियार

बाबरी विवाद मामले में मुझे गलत तरीके से फंसाया गया: विनय कटियार

 

  • बीजेपी नेता विनय कटियार का दावा, बाबरी केस में फंसाया गया
  • कटियार ने कहा कि राजनीतिक बदले की भावना से लगे हैं आरोप
  • अदालत में विनय कटियार ने दिए एक हजार सवालों के जवाब
  • आडवाणी, जोशी और उमा को अदालत में पेशी से मिली है छूट

लखनऊ
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत के सामने खुद पर लगे तमाम आरोपों से इनकार करते हुए सोमवार को कहा कि वह विवादित ढांचा विध्वंस की साजिश में कतई शामिल नहीं थे। कटियार ने अदालत के समक्ष बयान दर्ज कराते हुए कहा, ‘मुझे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और राजनीतिक बदले की भावना से मुझ पर आरोप लगा दिए गए।’

32 अभियुक्तों में से एक कटियार
कटियार 6 दिसंबर 1992 को ढहाई गई बाबरी मस्जिद के विध्वंस की साजिश रचने के 32 अभियुक्तों में शामिल हैं। वह गत 4 जून से अभियुक्तों के बयान दर्ज कराए जाने के सिलसिले के तहत अदालत में पेश हुए थे। सीबीआई की विशेष अदालत इस मामले की सुनवाई 31 अगस्त तक पूरी करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप तेजी से कार्यवाही कर रही है। कटियार गत 4 जून को भी अपना बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में हाजिर हुए थे लेकिन समय की कमी की वजह से उनका बयान रिकॉर्ड नहीं किया जा सका था।

1000 से ज्यादा सवालों के जवाब दिए
पूर्व राज्यसभा सदस्य कटिहार सोमवार को अपने वकील के. के. मिश्रा के साथ अदालत में हाजिर हुए और 1000 से ज्यादा सवालों के जवाब दिए। ज्यादातर सवालों पर उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है या फिर उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया। कटियार का बयान दर्ज करने के बाद विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस. के. यादव ने बाबरी विध्वंस मामले के 65 साल से कम उम्र के अन्य अभियुक्तों को अपने बयान दर्ज करने के लिए मंगलवार को न्यायालय में हाजिर होने को कहा।

आडवाणी, मुरली मनोहर, उमा भारती को मिली छूट
इस मामले के अन्य अभियुक्तों पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती को पहले ही अदालत में हाजिरी से छूट दी जा चुकी है। विशेष अदालत ने अपने कार्यालय को निर्देश दिए कि वह हरियाणा की सोनीपत जिला जेल के अधीक्षक को पत्र लिखकर इस मामले के एक अन्य अभियुक्त रामचंद्र खत्री का बयान आगामी 20 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज कराने के इंतजाम सुनिश्चित कराएं। गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था।


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