योगी सरकार का बड़ा फैसला: 130 करोड़ के घोटाले में सिंचाई विभाग के अध्यक्ष के खिलाफ विजिलेंस जांच

सिंचाई विभाग में करीब 130 करोड़ रुपये के घपले के आरोपी सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष भूपेंद्र शर्मा के खिलाफ विजिलेंस को जांच सौंपी गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके आदेश दिए हैं। सेवानिवृत्त होने से 10 वर्ष पूर्व तक के इनके कार्यों की भी जांच होगी।

भूपेंद्र शर्मा पर विभिन्न निर्माण व टेंडर में भ्रष्टाचार करने, शासकीय धन के दुरुपयोग और नियम विरुद्ध भुगतान समेत कई गंभीर आरोप हैं। वर्ष 2016 में हुई जांच में इन पर लगाए गए करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए थे। शासन के अधिकारियों ने कठोर कार्रवाई की संस्तुति की थी, पर उच्चस्तर से सिर्फ प्रतिकूल प्रविष्टि देकर इन्हें छोड़ दिया।

इतना ही नहीं, इन्हें मुख्य अभियंता स्तर-1 और उसके बाद प्रमुख अभियंता व विभागाध्यक्ष के पद पर प्रोन्नति दे दी गई थी। शर्मा अगस्त 2017 से जून 2018 तक विभागाध्यक्ष रहे।

वर्तमान सरकार में एक बार फिर तत्कालीन विशेष सचिव सुरेंद्र विक्रम ने भूपेंद्र शर्मा के खिलाफ जांच की। उन्होंने मामलों को अत्यधिक गंभीर बताते हुए अपनी रिपोर्ट में विजिलेंस से जांच कराने की संस्तुति की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने रिटायरमेंट से 10 साल पहले तक इनके कार्यकाल में कराए गए सभी कार्यों की सतर्कता जांच करने के आदेश दिए हैं।