कोरोना वायरस: तबलीगी जमात के पदाधिकारियों को सख्त भाषा में चेताते हुए पुलिस अफसर का वीडियो वायरल

- दिल्ली पुलिस ने 23 मार्च को ही निजामुद्दीन मरकज के पदाधिकारियों की दी थी चेतावनी
- हजरत निजामुद्दीन थाने के एसएचओ ने दो टूक चेतावनी दी थी कि मरकज में 5 से ज्यादा लोग नहीं रहने चाहिए
- एसएचओ ने मरकज के पदाधिकारियों से एसडीएम से बात करने को कहा था, इसके बाद भी नहीं जागा तबलीगी जमात
- दिल्ली पुलिस ने 23 मार्च के वीडियो को किया जारी, अब तेजी से वायरल हो रहा है वीडियो
नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात की लापरवाही के मामले में ऐक्शन लेना शुरू कर दिया है। क्राइम ब्रांच ने मौलाना शाद समेत निजामुद्दीन मरकज में जमात के आयोजकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, 270, 271 और 120- बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस बीच मरकज के पदाधिकारियों को सख्त भाषा में चेतावनी देते हुए एक पुलिस अफसर का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो को दिल्ली पुलिस ने जारी किया है।
यह वीडियो 23 मार्च का है और अब वायरल हो रहा है। इससे साफ है कि दिल्ली पुलिस के बार-बार चेतावनी देने के बावजूद मरकज के जिम्मेदारों ने न तो एसडीएम से संपर्क किया और न ही लोगों को मरकज से हटाने की कोई गंभीर कोशश की।
एसएचओ मुकेश वालिया की चेतावनी का वीडियो हो रहा है वायरल
वीडियो में हजरत निजामुद्दीन थाने के एसएचओ मुकेश वालिया जमात के कुछ पदाधिकारियों को नोटिस देते हुए सख्त चेतावनी दे रहे हैं कि निजामुद्दीन मरकज में 5 से ज्यादा लोग नहीं रहने चाहिए। इस दौरान मौलाना बताते हैं कि मरकज में अभी भी करीब एक हजार लोग हैं। इस पर पुलिस अफसर उन्हें ताकीद करते हैं कि बिल्कुल क्लियर कट इंस्ट्रक्शन है कि 5 से ज्यादा लोग वहां नहीं रह सकते। पुलिस अफसर जब तबलीगी पदाधिकारियों से एसडीएम से बात करने को कहते हैं तो वे उल्टे उनसे ही एसडीएम का नंबर मांगने लगते हैं। इसके बाद तो एसएचओ ने जमात से जुड़े लोगों की जमकर क्लास ली कि इतना बड़ा आयोजन करते हो और कह रहे हो कि एसडीएम का नंबर तक नहीं है। वायरल वीडियो की पूरी बातचीत
पुलिस अफसर-
आगाह करने, वॉर्निंग देने के बावजूद मरकज में हमेशा डेढ़ से 2 हजार की गेदरिंग है।
मौलाना- पहले से हैं जी।
पुलिस- पहले से हैं या बाद से, पहले मेरी बात सुन लीजिए। पहले मेरी बातों को समझ लीजिए।
मौलाना- बोलिए
पुलिस- यह आप लोगों की आसानी के लिए है। अगर मैं आप लोगों को यहां बुलाकर इस तरह से बात कर रहा हूं, वीडियो रिकॉर्डिंग करा रहा हूं और ऊपर सीसीटीवी कैमरा है तो इसका कोई परपज है।
मौलाना- सही है
पुलिस अफसर- बिल्कुल क्लियर कट इंस्ट्रक्शन है कि 5 लोगों से ज्यादा होंगे नहीं। सारे रिलिजश प्लेसेज बंद है। और यह आप लोगों की सुरक्षा के लिए है।
मौलाना- राइट, राइट
पुलिस अफसर- ये मेरी सुरक्षा के लिए नहीं है। ये मेरे पर्सनल इंट्रेस्ट के लिए नहीं है, ये आप लोगों की सुरक्षा के लिए है।
मौलाना- सही है
पुलिस अफसर- आप लोग जितना डिस्टेंस मेंटेन करेंगे, जी जाएंगे, बचेंगे। लाइफ के लिए जरूरी है ये। वह (कोरोना वायरस) धर्म वगैरह नहीं देख रहा है। तो आप लोगों को बार-बार आगाह करने के बाद भी समस्या हल नहीं हो रही है। अब मैं आपको यह नोटिस दे रहा हूं और मोहम्मद साद साहब के नाम से दे रहा हूं। इसके बाद भी अगर ऐसा कोई इश्यू निकला और आप लोगों ने इसको बिल्कुल तुरंत प्रभाव से क्लियर नहीं किया तो मैं बहुत स्ट्रिक्ट लीगल ऐक्शन के लिए मजबूर हूं।
मौलाना- सर, आप कह रहे हैं डेढ़ हजार। हमने कल (सोमवार) डेढ़ हजार लोगों को भेजे हैं यहां से।
पुलिस अफसर- अभी कितने लोग हैं वहां?
मौलाना- अभी ढाई हजार से में से एक हजार हैं।
पुलिस अफसर- कहां-कहां से हैं वो?
मौलाना- सब दिल्ली से बाहर के हैं, कोई लखनऊ का, कोई बनारस का, कोई बिजनौर, भागलपुर का है। जाना तो सब चाहते हैं लेकिन बॉर्डर सील है, क्यां करें? हम अभी भी इनको निकालने के लिए तैयार हैं।
पुलिस अफसर- आप एसडीएम साहब से बात कर लो।
मौलाना- आप एसडीएम साहब का नंबर दे सकते हैं हमें? बात कर लेंगे।
पुलिस अफसर- (फटकारते हुए) आप इस तरह की बातें हमसे मत करो। आप इस तरह की बातें मत करो, आप पढ़े लिखे बंदे हो, इस तरह की बात मत करो। मैं दे दूंगा एसडीएम साहब का नंबर लेकिन आप इस तरह की बातें मत करो कि आपके पास एसडीएम साहब का नंबर नहीं है। यहां पर इतना बड़ा मरकज चला रहे हैं, हमेशा 2 हजार की गेदरिंग होती है, इंटरनैशनल टूरिस्ट आते हैं यहां। सारे लोग होते हैं। अगर मैं इस वे में बात कर रहा हूं और इस तरह से गंभीरता बता रहा हूं आपको तो इसका परपज है कुछ।
मौलाना- हम समझ रहे हैं बात को।
पुलिस अफसर- मैं आपको बिल्कुल क्लियर कट शब्दों में बता रहा हूं। सुनिए मेरी बात को। एसडीएम साहब से बात करिए तुरंत। और जैसे कि आज भी कुछ आए हैं, स्पेशल ब्रांच की हमारे पास इन्फॉर्मेशन है। मेरे पास सीनियर अफसरों के फोन आए हैं। अभी वो सारे के सारे आपसे संपर्क नहीं करेंगे, मेरे जरिए करेंगे। मैं इस चीज को सख्त शब्दों में कनवे कर रहा हूं। तुरंत प्रभाव से इसको कर लीजिए। अभी आप एसडीएम साहब से संपर्क कीजिए, गवर्नमेंट सारी फैसिलिटी देगी। जिस-जिसको आगे बसों से निकालना है, कैसे करना है, मैनेज कीजिए। ये 3-4 दिन से कह रहा हूं। अगर गंभीर हुए होते तो अब तक खाली होता।
मौलाना- सर, कल हम आए थे।
पुलिस अफसर- अब आप मेरी बात सुन लीजिए, जो मैंने कहा। मैंने सुन ली। कल आप आए थे लेकिन कल के बाद भी सिचुएशन वही के वही रही है।
मौलाना- लेकिन सर…
पुलिस अफसर- एक सेकंड सुन लीजिए। बहस नहीं करना। मैंने आपको यह बता दिया। (मातहत को निर्देश देते हुए) एसडीएम साहब का नंबर दे दो। मैं एसडीएम साहब से खुद भी बात कर लेता हूं और आपके सामने करता हूं। भाई इसके बाद भी जब मैंने ये चीजें कर ली तो मैंने आपको नोटिस दे दी। बिल्कुल स्ट्रिक्ट ऐक्शन लूंगा।