लखनऊ । उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते कहर के बीच में सरकारी व्यवस्था की भी लगातार पोल खुल रही है। आगरा में एक महिला के ऑटो में ही अपने पति के प्राण बचाने के लिए उनको मुंह से ऑक्सीजन देने के प्रयास में लगी थी। इसके बाद भी वह उनकी जान नहीं बचा सकी, अब एक ऐसा ही मामला बहराइच से सामने आया है।

तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण की वजह से इन दिनों पूरा देश ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। ऑक्सीजन खत्म होने अथवा न मिलने की वजह से मरने वालों की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। बहराइच के एक अस्पताल में गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित महिला को जब ऑक्सीजन नहीं मिली तो लाचार बेटी ने उसे मुंह से फूंककर ऑक्सीजन देने का प्रयास किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।

योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन के साथ हॉस्पिटल में बेड और दवा मिलने की हकीकत इंटरनेट मीडिया पर बहराइच के एक वायरल वीडियो पर देखी जा सकती है। यहां पर एक अस्पताल में भर्ती एक महिला को ऑक्सीजन न मिलने पर उसकी बेटी मां को मुंह से सांस देने पर विवश हो गई।बहराइच में मेडिकल कॉलेज की खस्ता हालत सभी के सामने है।

यहां पर ऑक्सीजन समाप्त होने की स्थिति में बेटी अपनी मां को मुंह से ही ऑक्सीजन देने पर विवश हो गई। महिला को सांस लेने में दिक्कत होने पर मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए लाया गया था। यहां पर उनको काफी देर तक उसे ऑक्सीजन नहीं उपलब्ध हो पाया। इसके बाद तो बेटी ने मोर्चा संभाला। वह अपनी मां को बचाने के लिए मुंह से ऑक्सीजन देती रही। इसके बाद भी ऑक्सीजन के अभाव में महिला ने दम तोड़ दिया। बहराइच में जिम्मेदार लोग लगातार ऑक्सीजन की कमी होने के बाद भी हकीकत से मुंह मोड़ रहे हैं।

बहराइच में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी कोई अब नई बात नहीं है लेकिन जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए मरीज के तीमारदार खुद आगे आ रहे हैं। यह लोग सिलेंडर तो खरीदने में नाकाम हैं, लेकिन अपनी सांस से ही स्वजन को जीवन देने के प्रयास में हैं। इस वायरल वीडियो में मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी का भी नजारा दिखा। जिसमें बीमार मां को एक बेटी अपने मुंह से ऑक्सीजन दे रही है।

मां को सांस लेने में दिक्कत होने पर दो बेटियां मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में पहुंची, लेकिन यहां तो हालात बेहद ही दयनीय थे। मां काफी देर तक जब स्ट्रेचर पर हीं रहीं और ऑक्सीजन न मिलने की संभावना के बीच में बेटियों ने ही मोर्चा संभाल लिया। ऑक्सीजन की कमी से तड़पती मां के मुंह में अपना मुंह डालकर बेटियों ने ऑक्सीजन देने का प्रयास किया, लेकिन इनका संघर्ष अधिक देर तक नहीं चल सका।