पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को पहले ‘भारत रत्न’ न देने पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जताई नाराजगी, जानें क्या कुछ कहा

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को पहले ‘भारत रत्न’ न देने पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जताई नाराजगी, जानें क्या कुछ कहा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी निरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया. इस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी प्रतिक्रिया दी. साथ ही उन्होंने इस बात पर भी पूर्व सरकार पर नाराजगी जताई कि उन्हें भारत रत्न पहले क्यों नहीं दिया गया. इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान की बीजेपी सरकार के इस फैसली की सराहना भी की.

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि, भारत के इन पांच सपूतों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने का पता चला तो मन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ. उन्होंने कहा कि इन पांचों को देश और दुनिया भलीभांति जानती है. चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन किसान और गांव को समर्पित था. वे ईमानदारी के प्रतीक थे. वे किसानों के लिए समर्पित थे.

किसान और अन्नदाता के लिए समर्पित थे चौधरी चरण सिंह- उपराष्ट्रपति

उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह के मन में किसान और अन्नदाता के लिए लगाव था. उन्होंने डटकर आपातकाल का मुकाबला किया. उन्होंने अपने सिंद्धातों से कभी समझौता नहीं किया. लोग उनकी सादगी, उनकी ईमानदारी, गरीब, किसान के प्रति उनका समर्पण उनकी पहचान है. उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसा कोई व्यक्ति नहीं आ सकता था जिनके अंदर ये गुण न हों. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज का भारत दुनिया में प्रभावी है. आज के भारत की अर्थव्यवस्था, दुनिया के देशों की इज्जत सर्वोप्रिय है. उन्होंने कहा कि राजसभा में सरकार के इस कदम का बहुत स्वागत किया गया.

गांव, गरीब, किसान के हिमायती थे चौधरी चरण सिंह- धनखड़

चौधरी चरण सिंह किसान की मजबूती देखना चाहते थे. उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह सही मायनों में गांव, गरीब, किसान के हिमायती थे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वे किसानों को एक ही बात कहा करते थे कि किसान अर्थव्यवस्था में योगदान देने के अलावा किसान भारतीय राजनीति की भी रीढ़ की हड्डी है. उन्होंने कहा कि किसान के बच्चे आज नौकरी में कितने आगे हैं. गांव की आज काया बदल गई है. एक तरीके ये चौधरी चरण सिंह का सपना संचार हो रहा है. उन्होंने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने को देशवासियों के गौरव बढ़ाने का पल बताया.

देर से भारत रत्न देने पर जताई नाराजगी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि, कर्पूरी ठाकुर, एलके आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव, एमएस स्वामीनाथन को पहले ही भारत देने चाहिए थे. उनको सम्मानित करने से भारत रत्न का वजन बढ़ा है. उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने नैतिकता को सर्वोपरि रखा. बेईमानी की बात तो उनके सामने कोई करने की सोच ही नहीं सकता था. ऐसे व्यक्ति को जब इतनी देरी से सम्मान दिया जाता है तो थोड़ी पीढ़ा होती है.


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