वाहन चोर गिरोह का खुलासा, 10 आरोपी गिरफ्तार
- सहारनपुर में वाहन चोर गिरोह का खुलासा करते एसएसपी व दबोचे गए आरोपी।
सहारनपुर[24CN] । क्राइम ब्रांच व नगर कोतवाली पुलिस ने अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 10 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली तथा आरोपियों के कब्जे से चोरी के 10 ट्रक, फर्जी आरसी व चेसिस नम्बर बदलने के उपकरण बरामद कर लिए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. एस. चन्नपा ने पुलिस लाईन सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि कोतवाली नगर पुलिस व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना के आधार पर चैकिंग के दौरान राकेश सिनेमा के पास से 10 शातिर बदमाशों को दबोचने में सफलता हासिल कर ली जिनमें बृजपाल उर्फ पप्पू पुत्र रफल सिंह निवासी मौहल्ला कौशिक विहार कस्बा व थाना सरसावा, एहसान अली पुत्र नसीम अहमद निवासी गांव बालेनी थाना गागलहेड़ी, अजीम पुत्र जिंदा हसन निवासी कमेला कालोनी इब्राहिमाबाद थाना मंडी, इम्तियाज अली पुत्र हबीब अली निवासी मौहल्ला खादरवाला कोतवाली नगर मुजफ्फरनगर, राकेश चौधरी पुत्र कटार सिंह निवासी ढकदेई थाना नकुड़, रोहिताश पुत्र मांगेराम निवासी सलेमपुर थाना सरसावा, शमीम पुत्र इलियास निवासी गांव खुशहालपुर थाना मिर्जापुर, राकेश कुमार पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी गांव रूपड़ी थाना नागल, एजाद उर्फ दानिश पुत्र इरफान निवासी छुटमलपुर रोड कस्बा व थाना गागलहेड़ी, बिजेंद्र सिंह पुत्र नकली सिंह निवासी गांव साल्हापुर थाना नकुड़ शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चोरी 7 ट्रक, 13 फर्जी आरसी, 15 एनओसी की छायाप्रति, 2 हजार रूपए की नगदी व ट्रकों के चेसिस नम्बर बदलने के उपकरण बरामद कर लिए।
एसएसपी ने बताया कि दबोचे गए आरोपी चोरी व फाइनेंस का ट्रक कम दामों पर खरीदकर उनके चेसिस नम्बर व इनके नम्बरों को मिटाकर आरटीओ कार्यालयों में सैटिंग करके फर्जी तरीके से फर्जी पते व अपने पते के कागजात आदि देकर आरसी बनवाकर प्रयोग कर मुनाफे के लिए लोन आदि कराते हैं। एसएसपी ने बताया कि यह गिरोह फाइनेंस कम्पनियों से मिलकर चोरी व फाइनेंस के ट्रकों को अपने लाभ के अनुसार धोखाधड़ी व कूटकरण करके फर्जी चेसिस नम्बर डालकर असली के रूप में प्रयोग कर फाइनेंस कम्पनी व सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने बताया कि दबोचे गए आरोपी ट्रकों पर फर्जी लोन करा लेते हैं तथा अरूणाचल प्रदेश से फर्जी एनओसी कराकर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से फर्जी आरसी बनवा लेते थे।