सम्मेलन में ग्राम प्रधानों की विभिन्न समस्याओं पर किया गया विचार

सम्मेलन में ग्राम प्रधानों की विभिन्न समस्याओं पर किया गया विचार
  • सहारनपुर में अखिल भारतीय प्रधान परिषद के प्रदेशाध्यक्ष का स्वागत करते ग्राम प्रधान।

सहारनपुर। अखिल भारतीय प्रधान परिषद के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में आज ग्राम प्रधानों की विभिनन समस्याओं पर विचार किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मंडलायुक्त को सौंपकर समस्याओं का समाधान कराए जाने की मांग की।

आज दिल्ली रोड स्थित गुर्जर भवन में आयोजित प्रधान सम्मेलन में विभिन्न गांवों के ग्राम प्रधानों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखी और सरकार से समस्याओं के समाधान की मांग की। प्रधान सम्मेलन के मुख्य अतिथि परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक जादौन ने कहा कि ग्राम प्रधान देश के विकास की मुख्य धूरी हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम के विकास से ही राष्ट्र की उन्नति होती है और ग्राम प्रधान का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने ग्राम प्रधानों का आह्वान किया कि वह सरकार की योजनाओं को विकास के रूप में अपने गांव में लागू करने का काम करें ताकि ग्रामीणों को सुविधा मिल सके। इसके अलावा जो समस्याएं उनके संज्ञान में आ रही है, उन्हें लेकर संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर उनका निराकरण कराने का काम किया जाएगा।

ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष अनुज मदनूकी ने कहा कि समस्याओं के लिए सभी ग्राम प्रधान एकजुट होकर कार्य करें।  यदि किसी प्रधान का उत्पीडऩ होता है तो वह उनकी मदद के लिए हर समय तैयार हैं तथा किसी भी सूरत में ग्राम प्रधान का उत्पीडऩ नहीं होने दिया जाएगा। सम्मेलन के बाद में सभी ग्राम प्रधान मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन मंडलायुक्त को सौंपकर समस्याओं का समाधान कराने की मांग की।

उन्होंने ज्ञापन में कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत गाँव में कार्य कराए जा रहे हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए और कार्यों को सही समय पर पूर्ण कराए जाये तथा जो सडक़े ग्रामों में उखाड़ दी गयी है, उन्हें अतिशीघ्र पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिए जाये तथा मनरेगा की मजदूरी न्यूनतम 500 रुपए होनी चाहिए और मनरेगा द्वारा कराए गए कार्यों का भुगतान जो काफी समय से लंबित है, तत्काल कराया जाए।  उन्होंने कहा कि राज्य वित्त और केन्द्रीय वित्त का बजट समय से पंचायत खातों में भिजवाने के निर्देश दिए जाएं तथा अंतिम वर्ष में धन में कोई कटौती न हो।

उन्होंने कहा कि -ग्राम पंचायत में तैनात पंचायत सहायक और शौचालय केयर टेकर के मानदेय की व्यवस्था पृथक से की जावे। राज्य वित्त की राशि का दो गुणा करने का कार्य किया जावे। इसके अलावा प्रधानों को मानदेय सचिव से ज्यादा दिया जाए एंव उन्हें जनप्रतिनिधि की तरह पंचायत प्रतिनिधियों की तरह पेंशन की व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि उनकी मांगों का अविलम्ब समाधान किया ताकिग्राम पंचायतों में विकास कार्य गति पकड़ सकें। सम्मेलन एवं ज्ञापन देने वालों में भारी संख्या में ग्राम प्रधान मौजूद रहे।