पशुओं को गलाघोंटू बीमारी से बचाने के लिए किया जा रहा है टीकाकरण

- सहारनपुर में पशुपालन विभाग द्वारा चलाए जा रहे गला घोंटू बीमारी जागरूकता अभियान में जानकारी लेता चिकित्सक।
बडग़ांव/सहारनपुर [24CN]। बारिश के मौसम में प्राय: पशुओं में कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है जिसमें सर्वाधिक गलाघोंटू बीमारी होने का खतरा रहता है। इस कारण उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पशुओं को गला घोंटू बीमारी से बचाव के लिए 1 अगस्त से 30 अगस्त तक दो चरणों में टीकाकरण का सघन अभियान संचालित किया जा रहा है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. राजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि जनपद में पशुओं को गलाघोंटू बीमारी से बचाव के लिए 1 से 12 अगस्त व 17 से 30 अगस्त तक टीकाकरण का सघन अभियान पशुपालन विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जनपद के सभी गौवंशीय व महिषवंशीय पशुओं का गलाघोंटू बीमारी से बचाव के लिए नि:शुल्क टीकाकरण किया जा रहा है।
इसी कड़ी में आज नानौता विकास खंड के बडग़ांव पशु चिकित्ससालय में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी डा. प्रमोद सैनी ने बताया कि गलाघोंटू बीमारी से पशुओं को सुरक्षित करना पशुपालकों के लिए बहुत जरूरी है। बरसात के मौसम में पशुपालकों को अपने पशुओं को गलाघोंटू बीमारी से बचाव के लिए सजग रहना चाहिए ताकि अन्य पशु इस बीमारी से संक्रमित न होने पाएं। उन्होंने बताया कि गलाघोंटू एक जानलेवा संक्रामक रोग है जो बरसात के मौसम में गायों व भैंसों में फैलता है। पानी जमाव वाली जगहों पर इस बीमारी के कीटाणु अधिक समय तक रहते हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने बडग़ांव सहित महेशपुर, शिमलाना, शब्बीरपुर, दलहेड़ी, मौहम्मदपुर गाड़ा समेत अनेक गांवों में लगभग सभी पशुओं में समय पर टीकाकरण किया है। उन्होंने क्षेत्रवासियों से 31 अगस्त तक सभी पशुओं में टीकाकरण कराने की अपील की।
उन्होंने बताया कि गलाघोंटू बीमारी में पशुओं को अचानक तेज बुखार आने के साथ ही आंखें लाल हो जाती हैं तथा पशु का शरीर कांपने लगता है। अचालक दूध घटने लगता है। जबड़ों तथा गले के नीचे सूजन आने के साथ ही सांस लेने में कठिनाई होती है। उन्होंने बताया कि यदि किसी पशु को यह बीमारी हो गई है तो उसे अलग जगह बांधें तथा पशु आहार, चारा, पानी आदि को बीमार पशु से दूर रखें।