Uttarakhand Political Crisis: शाम चार बजे इस्तीफा दे सकते हैं सीएम त्रिवेंद्र, थोड़ी देर में मीडिया से होंगे रूबरू

Uttarakhand Political Crisis: शाम चार बजे इस्तीफा दे सकते हैं सीएम त्रिवेंद्र, थोड़ी देर में मीडिया से होंगे रूबरू

देहारदून। पिछले चार दिनों से उत्तराखंड की सियासत में चल रही हलचल मंगलवार को अंजाम तक पहुंचती नजर आ रही है। केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मंगलवार सुबह देहरादून पहुंच गए। उन्होंने शाम चार बजे राज्यपाल बेबी रानी से मुलाकात का वक्त मांगा है। अब यह तय समझा जा रहा है मुख्यमंत्री चार बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। बुधवार को देहरादून में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें नए नेता के नाम पर मुहर लग सकती है। इससे पहले मुख्यमंत्री तीन बजे मीडिया से रूबरू होंगे।

उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार सुबह केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे थे। दिल्ली में शाम को उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के आवास पर जाकर उनसे भी भेंट की।

मुख्यमंत्री मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे दिल्ली से देहरादून पहुंचे। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर समर्थकों ने उनका स्वागत किया। हालांकि एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली से से लौटे विधायक मुन्ना सिंह चौहान के अलावा कोई विधायक या मंत्री नहीं पहुंचा। मुख्यमंत्री दोपहर लगभग 12 बजे देहरादून में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, जहां धीरे-धीरे उनके समर्थक जुटने लगे। मुख्यमंत्री आवास पर उनके समर्थकों ने काफी देर तक नारेबाजी भी की।

मुख्यमंत्री के देहरादून पहुंचते ही सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि वह आज ही इस्तीफा दे देंगे। बाद में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री मंगलवार शाम चार बजे राज्यपाल से मुलाकात के लिए राजभवन जाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष भगत भी उनके साथ रहेंगे।

हालांकि भगत ने राजभवन जाकर इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि तो नहीं की, लेकिन माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री राजभवन को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। इस संभावना को इसलिए भी बल मिला क्योंकि बुधवार सुबह 11 बजे देहरादून में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक बुला ली गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षक भी इसमें शामिल हो सकते हैं।

माना जा रहा है कि बुधवार को होने वाली इस बैठक में विधानमंडल दल के नए नेता का चुनाव किया जाएगा। जहां तक मुख्यमंत्री के नए चेहरे का सवाल है, दिल्ली से लेकर देहरादून तक कई पार्टी नेताओं के नाम चर्चा में शामिल हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर विधायकों में से ही नया नेता चुना जाता है तो पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धनसिंह रावत के नाम सबसे आगे हैं।

अगर विधायकों के अलावा पार्टी किसी अन्य वरिष्ठ नेता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपने का मन बना लेती है तो इस स्थिति में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की दावेदारी सबसे मजबूत है। हालांकि एक खेमा नैनीताल के सांसद अजय भट्ट के नाम की भी चर्चा कर रहा है।