इस मामले में उत्तराखंड ने किया कमाल, 100 करोड़ का मिला पुरस्कार, हाथ लगी बड़ी उपलब्धि

खनन सुधारों के क्षेत्र में उत्तराखण्ड ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भारत सरकार के खनन मंत्रालय द्वारा जारी राज्य खनन तत्परता सूचकांक (State Mining Readiness Index–SMRI) में उत्तराखण्ड को देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है.
इस उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए राज्य को केंद्र सरकार की ओर से ₹100 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है. यह पुरस्कार वित्त मंत्रालय की राज्यों को पूंजीगत व्यय सहायता योजना (SASIC) के अंतर्गत दिया गया है, जिसमें वर्ष 2025–26 के बजट में ₹5,000 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है.
सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले राज्यों को मिला ईनाम
खनन सुधारों पर आधारित इस योजना में श्रेणी ‘A’, ‘B’ और ‘C’ में सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले राज्यों को ₹100-₹100 करोड़ की राशि दी जा रही है. उत्तराखण्ड को श्रेणी–C (सीमित खनिज संसाधन वाले राज्य) में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है.
खनन मंत्रालय ने SMRI रैंकिंग राज्यों के खनन लॉटों की ई-नीलामी, खनन पट्टों की स्वीकृति, पर्यावरणीय अनुमति, खनिज परिवहन निगरानी प्रणाली और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे मानकों के आधार पर तय की है. उत्तराखण्ड ने इन सभी मानकों पर शानदार प्रदर्शन करते हुए देशभर में अपनी तत्परता और पारदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत किया है.
खनन विभाग ने लागू किया सर्विलांस सिस्टम
राज्य के खनन विभाग ने माइनिंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड सर्विलांस सिस्टम (MDTSS) लागू किया है, जिसके तहत 40 स्थानों पर 45 बूम बैरियर लगाए गए हैं. इसके अलावा Mineral Management System, e-Ravana, Mining e-Services, Mobile Inspection App, डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS), VTS Integration और Weighbridge Management System जैसी तकनीकी व्यवस्थाओं को सशक्त बनाया गया है.
इसके साथ ही, अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए नाइट विजन ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है. खनन सुधारों और डिजिटल पारदर्शिता के इन प्रयासों को भारत सरकार ने सराहा है. अन्य राज्य भी उत्तराखण्ड के इस मॉडल को आदर्श मानते हुए अपनाने की तैयारी कर रहे हैं.
खनन विभाग के विशेष सचिव ने क्या कहा?
खनन विभाग के विशेष सचिव बृजेश कुमार संत ने कहा कि यह उपलब्धि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पारदर्शी, तकनीकी और सतत खनन नीति की सफलता का परिणाम है. उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र में सुधार और आधुनिक तकनीक के उपयोग से राज्य न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और अवैध खनन पर नियंत्रण की दिशा में भी मजबूत कदम उठा रहा है.
इस उपलब्धि से उत्तराखण्ड ने यह साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर नीतियों, पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता से देश में अग्रणी स्थान प्राप्त किया जा सकता है.