US sanctions Turkey : सुर्खियों में रूस की S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली, तुर्की पर एक्शन के बाद US ने भारत को क्यों किया आगाह
वाशिंगटन । रूस की एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति गरमा गई है। एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने को लेकर खफा अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही अमेरिका ने भारत समेन उन देशों को भी आगाह किया है, जो एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के इच्छुक हैं। अमेरिका ने रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए तुर्की के रक्षा उद्योगों और उसके अध्यक्ष समेत तीन अन्य अधिकारियों पर सोमवार को प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी साझा किया है। मंत्रालय ने कहा है कि मुस्तफा डेनिज, सेरहाट गेनकोग्लू और फारुक यिजिट रक्षा उद्योग के अध्यक्ष पद से संबंधित है और इन सभी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आखिर क्या है रूस की एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली। भारत से क्या है इसका संबंध। भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की क्यों है जरूरत।
रूस की एस-400 मिसाइल और भारत
आपको यहां पर बता दें कि पूरी दुनिया में इस मिसाइल सिस्टम की इच्छा रखने वालों में भारत भी शामिल है। भारत के साथ रूस की डील तय हो चुकी है और अब आपूर्ति होना बाकी है। हालांकि, चीन ने इसमें रोड़ा अटकाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन रूस ने उसकी मांग को ठुकरा कर साफ कर दिया था कि वह तय समय के अंदर इस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति भारत को कर देगा। इस मिसाइल को रूस की सेना में 2007 में शामिल किया गया था। रूस से सबसे पहले तुर्की को इसकी आपूर्ति की थी। रूस ने इसे सीरिया में भी तैनात किया हुआ है।
S-400 मिसाइल सिस्टम खूबियां
- इसका पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है, जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से जाना जाता है। इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है। रूस द्वारा विकसित यह मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है। एस-400 दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने में भी सक्षम है।
- इसके सेना में शामिल होने के बाद किसी भी देश की सीमाओं की सुरक्षा अधिक और हमले का खतरा कम हो जाता है। यह सिस्टम किसी भी संभावित हवाई हमले का पता पहले ही लगा लेता है।
- यह मिसाइल सिस्टम एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और यहां तक कि परमाणु मिसाइल को 400 किलोमीटर पहले ही नष्ट कर सकता है। इसके तीन प्रमुख अंग हैं जिनमें मिसाइल लॉन्चर, राडार और कमांड सेंटर शामिल है।
- एस-400 मिसाइल सिस्टम अत्याधुनिक रडारों से लैस है। इसमें लगा हुआ अत्याधुनिक राडार 600 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को देख सकता है। सेटेलाइट से कनेक्ट रहने की वजह से जरूरी सिग्नल और जानकारियां तुरंत मिलती हैं।
- इसके अत्याधुनिक राडार दुश्मन का पता लगाते ही अपने कंट्रोल कमांड को सिग्नल भेजते हैं। इसमें टारगेट की दूरी, उसकी स्पीड समेत सभी जरूरी सूचनाएं शामिल होती हैं। इसके बाद कमांड कंट्रोल की तरफ से मिसाइल लॉन्च का आदेश दिया जाता है।
- इसके लॉन्चर से 48N6 सीरीज की मिसाइलें लॉन्च की जा सकती हैं। इसे अमेरिका के थाड (टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम से बेहतर माना जाता है।
- यह मिसाइल सिस्टम एक साथ 36 लक्ष्यों पर निशाना लगा सकता है। इसे पांच मिनट के अंदर तैनात किया जा सकता है। इस मिसाइल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
- इसमें चार अलग-अलग रेंज में अचूक निशाना साधने वाली मिसाइल हैं। इनमें 40N6E और 48N6 मिसाइल करीब 400 और 250 किमी की दूरी में निशाना लगा सकती है, जबकि 9M96E2 और 9M96E मिसाइल 120 और 40 किमी के दायरे में दुश्मन को ढेर कर सकती है।