अमेरिका में कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण, 45 लोगों पर प्रयोग

- अमेरिका में कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण शुरू हो गया है
- इसके लिए 45 लोगों को चुना गया है और उन्हें अलग-अलग डोज दी जा रही है
- इसके बाद देखा जाएगा कि किसी पर इसका दुष्प्रभाव तो नहीं होता है
- दुनियाभर में कोरोना की वजह से 7000 लोगों की मौत हो गई है, अमेरिका भी अछूता नहीं है
वॉशिंगटन
दुनियाभर में कोरोना वायरस आपदा बनकर टूटा हुआ है। WHO ने इसे महामारी घोषित किया है। इससे अब तक 7000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका में भी कोरोना वायरस से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका ने कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण शुरू कर दिया है। सोमवार को पहले शख्स पर इस टीके का प्रयोग किया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसकी प्रशंसा की और कहा कि यह दुनियाभर में सबसे जल्दी विकसित किया जाने वाला टीका है।
चीन से दुनिया के 141 देशों में फैले कोरोना का अभी तक टीका या निश्चित दवा विकसित नहीं हुई है। ऐसे में अगर अमेरिका सफल होता है तो यह बड़ी बात होगी। हालांकि इस टेस्ट में समय लगेगा। इस प्रयोग की स्टडी लीडर डॉ. जैकसन ने बताया कि कोरोना वायरस जैसी आपदो को दूर करने के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं।
पहचान उजागर न करने की शर्त पर 45 लोगों को इस प्रयोग के लिए चुना गया है। इनको अलग अलग मात्रा में टीका दिया जाएगा। दरअसल देखना ये है कि इस टीके का कोई दुष्प्रभाव तो नहीं है। सोमवार को एक व्यक्ति को यह टीका लगाया गया। इसके बाद तीन और को लगाया जाएगा। इन 45 लोगों को अलग रखा गया है। सभी के ऊपर होने वाले असर का अध्ययन किया जाएगा।
43 साल की एक महिला जेनिफर हैलर भी इसमें शामिल होंगी। उन्होंने कहा, ‘हम बहुत असहया महसूस कर रहे थे लेकिन इस तरह अगर हम किसी के काम आते हैं तो यह हमारा सौभाग्य है।’ इस वैक्सीन को कोड नेम mRNA-1273 दिया गया है। अमेरिका ही नहीं दुनियाभर के कई देश कोरोना वायरस का टीका बनाने में लगे हैं। इसमें रूस चीन और साउथ कोरिया शामिल है।
इस रिसर्च के लिए 18 से 55 साल के लोगों का चयन किया गया है। बाद में इनका ब्लड सैंपल लेकर पता किया जाएगा कि टीके का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं हो रहा है। दरअसल यह वैक्सीन भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली है। डॉक्टरों ने बताया कि इस टीके से संक्रमण का खतरा नहीं है क्योंकि इसका प्रोटीन ह्यूमन सेल के संपर्क में नहीं आता है।