व्यापार करने में सुगमता के नाम पर गुलामी, श्रम संहिताओं के खिलाफ यूपीएमएसआरए का विरोध

व्यापार करने में सुगमता के नाम पर गुलामी, श्रम संहिताओं के खिलाफ यूपीएमएसआरए का विरोध
  • सहारनपुर में प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन देते एमआर।

सहारनपुर। केंद्र सरकार द्वारा तमाम विरोधों के बावजूद 21 नवंबर को चार नई श्रम संहिताओं के अधिसूचना जारी किए जाने के बाद देशभर के मेहनतकश वर्ग व कर्मचारी संगठनों ने  गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए यूपी मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ने काला दिवस मनाया और प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिला प्रषासन के अधिकारी को सौंपा।

यूपी मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन से जुडे एमआर जिला मुख्यायल पहुंचे ओर चार नई श्रम संहिताओं के अधिसूचन जारी करने के विरोध में काला दिवस मनाकर प्रदर्षन किया। प्रदर्शनकारियों ने यूपीएमएसआरए कहा कि जो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कार्यरत मेडिकल व सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स की एकमात्र ट्रेड यूनियन है और एफएमआरएआई से संबद्ध है, ने इन श्रम संहिताओं को व्यापार करने में सुगमता के नाम पर आधुनिक गुलामी का प्रयास बताया है।

संगठन ने कहा कि केंद्र सरकार ने मजदूरों के बड़े विरोध के बावजूद सेल्स प्रमोशन एम्प्लॉइज (कंडीशन ऑफ सर्विस) एक्ट 1976 सहित 29 श्रम कानून समाप्त कर दिए हैं। नए लेबर कोड्स को कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताया गया है। यूनियन के अनुसार फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट और हड़ताल के अधिकार का अपराधीकरण लेबर कोड का सबसे खतरनाक पहलू है, जो मजदूर वर्ग के अधिकारों को खत्म करने की कोशिश है। यूपी मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ने इन श्रम संहिताओं को पूरी तरह वापस लिए जाने की मांग की है। इसके विरोध में यूपी और उत्तराखंड के दवा  विक्रय प्रतिनिधि यों ने 26 नवंबर  तक काला दिवस मनाया प्रदर्शन कारियों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन के अधिकारी सौंपा।


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