लखनऊ। लोकसभा चुनाव की जमीन तलाशने के लिए विपक्षी दल हर कुएं में बांस डाल रहे हैं, ऐसे में 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाने के लिए भाजपा के तेज कदम देखकर सपा सतर्क हो गई है।

17 जातियों के आरक्षण का मुद्दा गरमाएगी सपा

  • श्रेय की सियासत में अब सपा ने दांव चला है। चूंकि, मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के शासनकाल में सपा सरकार ने भी केंद्र को आरक्षण का प्रस्ताव भेजा था, इसलिए रणनीति बनी है यथासंभव इन जातियों की नायक बनने चली भाजपा को खलनायक साबित किया जाए।
  • यह न हो तो आरक्षण के अंतिम निर्णय तक आंदोलन की हांक लगाई जाए, ताकि सत्ताधारी दल के संभावित लाभ में कुछ हिस्सेदारी जरूर हो जाए। प्रदेश की 17 अतिपिछड़ी जातियों कश्यप, निषाद, बिंद, केवट, मल्लाह, धीवर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी, कुम्हार, प्रजापति, भर, राजभर को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाने का मुद्दा दशकों पुराना है।
  • खारिज किसी सरकार ने नहीं किया और मुद्दा परिणाम तक भी नहीं पहुंचा। कभी केंद्र और राज्य की अलग-अलग सरकारों की खींचतान तो कभी नियमों का फेल में यह मुद्दा फुटबाल बना रहा। हाल ही में उच्च न्यायालय ने मुलायम सिंह सरकार और अखिलेश यादव सरकार सहित योगी सरकार द्वारा पिछले कार्यकाल में जारी अधिसूचनाओं को खारिज कर दिया।
  • इसके साथ ही भाजपा की केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले इन 17 जातियों को आरक्षण दिलाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। भाजपा की नजर इस मुद्दे के सहारे अतिपिछड़ी जातियों के बड़े वोटबैंक पर है, लेकिन सपा इस मामले में भाजपा को वाकओवर देने के मूड में कतई नहीं है।
  • इसी रणनीति के तहत तय हुआ है कि सपा लोकसभा चुनाव के पहले प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में आरक्षण बचाओ पंचायत आयोजित करेगी। इसकी जिम्मेदारी समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डा. राजपाल कश्यप को दी गई है।
  • इसकी रूपरेखा बनाने के लिए शनिवार को लखनऊ स्थित सहकारिता भवन में महापंचायत आयोजित की गई। यहां उन्होंने कहा कि 17 जातियों को अनुसूचित जाति में परिभाषित करने के लिए सपा सरकार में दो बार प्रस्ताव भेजा गया था। इन प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया। भाजपा सरकार ने जानबूझ कर ऐसा किया है।
  • केंद्र व प्रदेश, दोनों ही जगह भाजपा की सरकार है, इसलिए 17 जातियों को एससी में आरक्षण का लाभ तत्काल दिलाया जाए। ऐसा न होने तक सपा आंदोलन करती रहेगी। इस महापंचायत में सपा ने इन्हीं जातियों के अपने शीर्ष नेताओं को जोड़ा।

किस लोकसभा क्षेत्र में किस जाति के लोग अधिक हैं, इसकी सूची भी तैयार

मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद के अलावा पूर्व विधायक लालता प्रसाद निषाद, पूर्व मंत्री शंखलाल मांझी, किरण पाल कश्यप, दयाराम प्रजापति आदि कई प्रमुख नेता शामिल हुए। इन नेताओं को विश्वास है कि उनका दांव सफल होगा। यही 17 जातियां भाजपा को 2024 में सत्ता से बेदखल करेंगी।

इसके अलावा उन नेताओं का भी समाज बहिष्कार करेगा, जिन्होंने आरक्षण के नाम पर गुमराह कर भाजपा के समर्थन में मतदान कराया था। किस लोकसभा क्षेत्र में किस जाति के लोग अधिक हैं, इसकी सूची भी तैयार कराई जाएगी। इसके बाद उस लोकसभा क्षेत्र में संबंधित जाति के नेता को पंचायत के आयोजन की जिम्मेदारी दी जाएगी।