पंचायत चुनावों में बड़ा संशोधन की तैयारी में यूपी सरकार, दो से ज्यादा बच्चे वाले नहीं लड़ सकेंगे प्रधानी का चुनाव

पंचायत चुनावों में बड़ा संशोधन की तैयारी में यूपी सरकार, दो से ज्यादा बच्चे वाले नहीं लड़ सकेंगे प्रधानी का चुनाव

लखनऊ: कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाला उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव छह महीने के लिए टल गया है। हालांकि इसकी घोषणा नहीं की गई है। सूत्रों के मुुताबिक अब अप्रैल 2021 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होंगे। इससे पहले यूपी सरकार एक और बड़ा फैसला लेने पर विचार कर रही है। सरकार ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनावों में बड़ा संशोधन करने की तैयारी में है। दरअसल, जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के पंचायत चुनाव लडऩे पर रोक लगा सकती है। इसके साथ ही उम्मीदवारों के न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भी निर्धारित करने की तैयारी है। बता दें कैबिनेट के माध्यम से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है।

दरअसल, यूपी के पंचायती राज्य मंत्री खुद इसके पक्षधर हैं। इसके अलावा केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान समेत अन्य नेता भी इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख चुके हैं। सूत्रों की मानें तो उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी दिशा निर्देश तय किए जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में आखिरी फैसला मुख्यमंत्री को ही लेना है।

सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय की जाएगी। ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास होगी, जबकि 12वीं पास उम्मीदवार ही जिला पंचायत सदस्य का चुना लड़ सकेंगे। जिला पंचायत के लिए महिला, आरक्षित वर्ग और क्षेत्र पंचायत के लिए न्यूनतम 10वीं पास होने पर सरकार में सहमति भी बन चुकी है। इसे लेकर पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए बहुत जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक विधानसभा के अगले सत्र में पेश पंचायतीराज संशोधन कानून से संबंधित विधेयक पेश हो सकता है।


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