नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएए मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज अपना जवाब दाखिल किया है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध भरपाई के लिए जारी नोटिस को वापस ले लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अब तक की गई वसूली को लौटाने के भी आदेश दिए है। हालांकि कोर्ट ने यूपी सरकार को नए कानून के तहत कार्रवाई करने की आजादी दे दी है।

नए कानून के तहत कार्रवाई की छूट

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नए कानून ‘उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली अधिनियम’ के तहत कार्यवाही करने की छूट दे दी है।बता दें कि यह कानून 31 अगस्त 2020 को अधिसूचित किया गया था।

प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को पहुंचाया था नुकसान

बता दें कि सीएए के खिलाफ राज्य में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया था। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने जबाव देते हुए कहा था कि इस नुकसान की भरपाई के लिए कथित प्रदर्शनकारियों को नोटिस भेजे गए थे। इस मामले में यूपी सरकार की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कोर्ट को बताया था कि राज्य में 833 दंगाइयों के खिलाफ 106 प्राथमिकियां भी दर्ज की गई थी। इस दौरान राज्य सरकार ने दंगाईयों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उनकी फोटो को सार्वजिनक स्थानों पर पोस्टर के रूप में लगाया था। वहीं सरकार ने नुकसान की भरपाइ के लिए नोटिस भी दंगाईयों को जारी किया था।