नोएडा: 2016 से लेकर 2021 तक देश की आर्थिक विकास दर सात प्रतिशत रही, जबकि उत्तर प्रदेश की आठ प्रतिशत रही, जो थाइलैंड सिंगापुर और फिलीपींस से दोगुणा है। इस अवधि में पूरी दुनिया की आर्थिक विकास दर पांच प्रतिशत रही। 2019-20 कोरोना काल में जहां विश्व की विकास दर माइनस में रही, वहीं उत्तर प्रदेश में यह 0.2 प्रतिशत रही। यह आंकड़े वर्ल्ड बैंक, यूपीडैस द्वारा जारी किए गए हैं।
इन्हीं आंकड़ों को आधार बनाकर पूरे विश्व को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023 में 140 बिलियन अमेरिकी डालर के निवेश का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। उत्तर प्रदेश के इकोनामिक ग्रोथ को बनाए रखने के मामले में नोएडा प्राधिकरण का बड़ा योगदान रहा है।
2021-22 में उत्तर प्रदेश की स्थिति
- आठ प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश की कुल अर्थव्यवस्था का हिस्सा करीब 23 लाख करोड़ रुपये
- निर्यात में वर्ष 2016-17 से 12.9 हिस्सेदार के साथ शीर्ष पांच राज्यों में शामिल
- देश की 17 प्रतिशत आबादी के साथ बड़ा बाजार व कार्य क्षमता
- वर्ष 2012 से 2022 तक कैपिटल आउटलेट में चार गुना बढ़ोत्तरी हुई
कोरोना काल के दौरान 900 करोड़ रुपये के वाणिज्यिक निवेश के साथ करीब दस हजार करोड़ का औद्योगिक निवेश कराया गया था। फरवरी में होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के जरिये उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023 में 17 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण को तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन जिला स्तर पर अब तक उपलब्ध आकड़ों के मुताबिक, करीब साढ़े चार लाख करोड़ के निवेश का एमओयू साइन किया जा चुका है। इसके लिए 20 जनवरी को जिला स्तरीय इंवेस्टर्स समिट का आयोजन होगा।