आगरा। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जनपद की चार विधानसभा सीटों के लिए 20 फरवरी को वोट पड़ चुके हैं। अब 10 मार्च को होने वाली मतगणना पर सभी की निगाहें टिकी हैं। मंडी में हाेने वाली मतगणना के दौरान सबसे पहले किशनी विधानसभा सीट का परिणाम सामने आएगा। जबकि सबसे बाद में करहल विधानसभा सीट के परिणाम सामने आएंगे। किशनी में सबसे कम मतदाता और मतदेय स्थल होने की वजह से ऐसा हाेगा।

इस बार 1756 मतदेय स्थल बनाए

विधानसभा मतदान के लिए इस बार जिले में 1756 मतदेय स्थल बनाए गए थे। इनमें सबसे कम किशनी विधानसभा क्षेत्र में 410 थे, जबकि मैनपुरी में इन मतदेय स्थलों कर संख्या 420 रही। भोगांव विधानसभा सीट के लिए 451 मतदेय स्थल बनाए गए, जबकि सबसे ज्यादा मतदेय स्थल करहल में 475 रहे। मतदान भी इस बार बीते चुनाव के मुकाबले कुछ अधिक हुआ है। मतदान के मामले में करहल विधानसभा सबसे आगे रही। इस सीट पर 65.96 फीसद मतदाताओं ने वोट डालकर 58 साल बाद मतदान का कीर्तिमान कायम किया।

वहीं, करहल के बाद मतदान के मामले में किशनी विधानसभा सीट के मतदाता रहे, जो दूसरे नंबर पर काबिज आए। यहां मतदाताओं ने 63.01 फीसद मतदान किया। भोगांव के मतदाता भी मतदान की होड़ में मैनपुरी सदर से आगे निकले, यहां 62.22 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले, जबकि मैनपुरी सदर के मतदाता सबसे पीछे रहे। इस सीट पर जिले में सबसे कम मतदान दर्ज हुआ, यहां के केवल 61.76 फीसद मतदाता ही वोट का इस्तेमाल कर सके।

ऐसे होगी मतों की गिनती

ईवीएम में डाले गए मतों की गिनती के लिए हर विधानसभा सीट पर 14 टेबल लगाई जाएंगी। इस तरह एक विधानसभा सीट की 14 ईवीएम के मतों की एक ही बार होगी। इस लिहाज से सबसे कम मतदेय स्थल किशनी विधानसभा में है। इसी वजह से इस विधानसभा का परिणाम सबसे पहले आएगा। इसके बाद मैनपुरी सदर का परिणाम आएगा। भोगांव के बाद करहल विधानसभा सीट के नतीजे सामने आएंगे। एक विधानसभा सीट के लिए 14 टेबल लगाकर ईवीएम में डाले गए मतों की गिनती की जाएगी। पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी, इसके बाद ईवीएम से मतों की गिनती होगी।

विधानसभा सीटवार-मतदेय स्थल

मैनपुरी- 420

भोगांव- 451

किशनी- 410

करहल- 475