लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की जनता ने अपने जनादेश से सपा को भाजपा का विकल्प मान लिया है। समाज के सभी वर्गों का समर्थन पार्टी के साथ है। इसी के फलस्वरूप ही जनता, कार्यकर्ताओं के सहयोग से सपा की सीटें और मतदान प्रतिशत बढ़ा है। चुनाव के तुरंत बाद बढ़ती महंगाई, खराब कानून व्यवस्था और बढ़ते अत्याचार से भाजपा के विरुद्ध जनता की नाराजगी और बढ़ गई है।

अखिलेश ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा को संविधान और लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है। वह छल-बल की राजनीति और धन-बल की ताकत की आजमाइश से सत्ता में बने रहना चाहती है। जिस तरह से भाजपा ने सरकार बनाई है वह किसी से छिपा नहीं है। ईवीएम से भाजपा को चुनावी जीत मिली है, जबकि नैतिक जीत सपा की हुई है। भाजपा की ताकत पहले से घटी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजनीति में जनता ने भाजपा के विकल्प के रूप में सपा को चुनकर देश की राजनीति में बदलाव के भी संकेत दिए हैं। राजनीति में अब एकाधिकारी ताकतों को मतदाता प्रश्रय नहीं देगा। वह समाजवाद, संविधान और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता सपा के साथ जाहिर करेगा। सपा भी अपनी भूमिका सक्रियता से निभाएगी।

सत्ताधारी याद रखें, छल से बल नहीं मिलता : अखिलेश यादव ने एक दिन पूर्व ट्वीट कर कहा था कि विधानसभा चुनाव नतीजों से जाहिर है कि जनता के बड़े वर्ग का भरोसा समाजवादी पार्टी पर है। सत्ताधारी याद रखे, छल से बल नहीं मिलता है। पोस्टल बैलट में समाजवादी पार्टी-गठबंधन को 51.5 प्रतिशत वोट मिले हैं। इस हिसाब से कुल 304 सीटों पर सपा गठबंधन की जीत चुनाव का सच बयान कर रही है। वैसे भी प्रदेश के मतदाताओं ने सपा की ढाई गुना सीटें बढ़ाकर अपना रुझान जता दिया है और भाजपा की सीटों का घटाव भविष्य का संकेत है।

भाजपा के संरक्षण में अपराधी तत्व फिर सक्रिय हो उठे हैं। मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में कानून व्यवस्था बिगड़ने लगी है। न कानून का डर है न पुलिस का खौफ। एक मजदूर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। इसी तरह धान खरीद न होने से किसान बेहाल है। कई जगहों पर खरीद की अवधि समाप्त हो गई पर किसानों का धान नहीं खरीदा गया। समय पर किसानों को खाद भी नहीं मिली है।

विधान सभा चुनाव समाप्त होते ही भाजपा ने होली के त्योहार पर महंगाई का तोहफा देकर अपने मतदाताओं का कर्ज उतार दिया है। आटा, मैदा, तेल, घी समेत सब कुछ महंगा हो गया है। भाजपा की सच्चाई सबके सामने है। जनता ने अब आगे के लिए भी अपनी मंशा का संकेत दे दिया है। वर्ष 2024 में भाजपा को जनता करारा सबक सिखाएगी।