UP Election 2022: अखिलेश यादव पर बीजेपी का बड़ा हमला, अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट से जोड़ा सपा का नाम

UP Election 2022: अखिलेश यादव पर बीजेपी का बड़ा हमला, अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट से जोड़ा सपा का नाम
  • अनुराग ठाकुर ने कहा ने कहा कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने हमेशा अपराधियों और दंगाइयों को संरक्षण दिया है. वो अपराधियों पर लगे मुकदमों को हटाने का आश्वासन देते हैं.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला बोला है. अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया है कि समाजवादी पार्टी का अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट 2008 केस से सीधा कनेक्शन है. उस मामले के एक दोषी का पिता सपा नेता है और खुद अखिलेश यादव भी उस नेता से मुलाकात कर चुके हैं. यही नहीं, उन्होंने सपा नेता शादाब अहमद के साथ अखिलेश यादव की मुलाकात की तस्वीरें भी मीडिया में जारी की और पूछा कि क्या अखिलेश यादव ने उन्हें बिरयानी खिलाने के लिए बुलाया था? अनुराग ठाकुर ने कहा कि जिस सपा नेता शादाब अहमद की अखिलेश यादव के साथ तस्वीरें हैं, वो अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट 2008 केस में सजा पाए आतंकी मोहम्मद सैफ का पिता है.

आतंकवाद के साथ सहयोगवाद रूख रखती है सपा

अनुराग ठाकुर ने कहा ने कहा कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने हमेशा अपराधियों और दंगाइयों को संरक्षण दिया है. वो अपराधियों पर लगे मुकदमों को हटाने का आश्वासन देते हैं. अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब भी आतंकवाद की बात आती है तो भाजपा (BJP) जीरो टॉलरेंस रखती है. जबकि समाजवादी पार्टी सहयोगवाद का रुख रखती है.

सपा का आतंकवादी हमले से कनेक्शन, पार्टी दे सफाई

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने कहा कि 2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट (Ahmedabad Seriel Blast 2008) में 56 लोगों की मौत हुई, सैकड़ों लोग घायल हुए. अनुराग ठाकुर ने कहा कि बीजेपी अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है. जिसमें 49 लोगों को सजा सुनाई गई, 28 आतंकियों को फांसी की सजा और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. उन्होंने कहा कि ये तब हो पाया जब गुजराज के मुख्यमंत्री मोदी थे. SIT का गठन हुआ. 19 दिनों में सभी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. सबूत पहुंचाने से लेकर आतंवादियों को पकड़ने तक मोदी सरकार ने काम किया और आज भी आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए मोदी सरकार वचनबद्ध है. उस ब्लास्ट का भी SP और उसके नेताओं से कनेक्शन रहा है. ऐसे में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और समाजवादी पार्टी को इस मामले पर जवाब देते हुए अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.’


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