UP Election 2022: प्रचार के दौरान आमने-सामने आया अखिलेश-जयंत और प्रियंका का काफिला, VIDEO में देखें क्या हुआ रिएक्शन

- बुलंदशहर के जहांगीराबाद में एक चौराहे पर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी का विजय रथ और प्रियंका का काफिला एक साथ पहुंच गया। प्रियंका ने गाड़ी के ऊपर पहुंचकर अखिलेश-जयंत की ओर मुस्कुराकर हाथ हिलाया। अखिलेश व जयंत ने भी प्रियंका वाड्रा का अभिवादन किया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पहले चरण के चुनाव प्रचार में नेताओं ने पूरी तकत झोंक दी है। राजनीति के क्षेत्र में ऐसे अवसर बहुत ही कम दिखने को मिलते हैं कि जब दो प्रतिद्वंद्वी दलों के राजनेता सार्वजनिक रूप से आमने-सामने हो जाएं, लेकिन एक-दूसरे का पूरा सम्मान भी करें, लेकिन गुरुवार को बुलंदशहर में ऐसा ही हुआ। वहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह के काफिले के रास्ते में जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का काफिला आ गया तब तीनों नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया। इस दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने विपक्षी दल के खिलाफ नारे लगाने बंद कर दिए। नेताओं के साथ दोनों ही ओर से कार्यकर्ताओं की गर्मजोशी भी नजर आई।
दरअसल, कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा भी गुरुवार को चुनाव-प्रचार के लिए बुलंदशहर पहुंचीं। इसी दिन अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बुलंदशहर में ही कई चुनावी कार्यक्रम थे। शाम करीब साढ़े छह बजे जहांगीराबाद के अनूपशहर अड्डा तिराहा से प्रियंका वाड्रा का काफिला मुख्य बाजार से निकल रहा था। प्रियंका अपनी खुली छत वाली कार में सवार थीं। उसी दौरान अखिलेश यादव व जयंत चौधरी का समाजवादी रथ औरंगाबाद की ओर से तिराहे पर पहुंच गया। उस समय अखिलेश-जयंत समाजवादी रथ के अंदर थे। इधर, जब प्रियंका वाड्रा ने दोनों के रथ को देखा तो उन्होंने हाथ हिलाया। यह देख अखिलेश और जयंत चौधरी भी अपने रथ के ऊपर आ गए और दोनों नेताओं ने प्रियंका को देखते हुए उनका हाथ जोड़कर अभिवादन किया। प्रियंका इस दौरान लगातार मुस्कुराते हुए अखिलेश-जयंत को देखती भी रहीं और हाथ भी हिलाती रहीं। यह क्रम करीब एक मिनट तक चलता रहा। इसके बाद अखिलेश-जयंत का समाजवादी रथ आगे बढ़ गया।
बुलंदशहर में दिखी यह गर्मजोशी कुछ ही देर में इंटरनेट मीडिया पर भी छा गई। दोनों नेताओं के आगे बढ़ने के कुछ देर बाद अखिलेश यादव ने इस मुलाकात की तस्वीर भी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की। लिखा, एक दुआ-सलाम, तहजीब के नाम…। प्रियंका वाड्रा ने भी जवाब देने में देर न की और उन्होंने जवाब में लिखा …हमारी भी आपको राम राम। इसके साथ ही प्रियंका ने सात सेकेंड का एक वीडियो भी शेयर किया जिसमें गठबंधन के दोनों नेता और वे आमने-सामने आने पर एक दूसरे को हाथ हिला रहे थे, हाथ जोड़ रहे थे।
चुनाव प्रचार के दौरान तीनों नेताओं की मुलाकात का यह वीडियों देखते ही देखते वायरल हो गया। इय वाकया इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि दोनों दलों के बीच बिना किसी गठबंधन के भी समन्यवय की चर्चा जोरों पर है। इसके संकेत उसी दिन मिले थे जब कांग्रेस ने मैनपुरी की करहल सीट से समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और इटावा की जसवंतनगर सीट से सपा-प्रसपा गठबंधन के उम्मीदवार शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ उम्मीदवार उतारने से परहेज किया था। ऐसा करके कांग्रेस ने भविष्य में भाजपा के खिलाफ जरूरत पड़ने पर सपा से हाथ मिलाने का स्पष्ट संकेत दिया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा प्रदेश की सभी 403 सीटों पर पार्टी के चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं। यह बात और है कि कांग्रेस ने सपा मुखिया और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ अब प्रत्याशी न उतारने का निर्णय किया है। चुनाव की आहट तेज होते ही कांग्रेस और सपा के गठबंधन की अटकलों को अखिलेश ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि बड़े दलों का स्ट्र्राइक रेट खराब होता है। उनका इशारा कांग्रेस के साथ 2017 में हुए सपा के गठबंधन की ओर था।
सपा और कांग्रेस दोनों का मुख्य लक्ष्य भाजपा को हराना है। बीते दिनों एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा था कि विधान सभा चुनाव के बाद यदि सपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने की जरूरत पड़ी तो इस पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस के करहल और जसवंतनगर सीट से प्रत्याशी नहीं उतारने के निर्णय को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है।