यूपी: कोविड केयर सेंटर की खुली पोल, मरीजों ने बयां किया दर्द, वीडियो हुआ वायरल

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में वायरल हुई एक वीडियो ने जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए कोविड केयर सेंटर स्वाहेड़ी की पोल खोल दी। वीडियो में कहा गया है कि यहां सफाई बिल्कुल नहीं होती। टॉयलेट गंदगी से अटे हैं। सबको खुद ही साफ-सफाई करनी पड़ती है। छह सात दिन तक कमरे साफ नहीं होते। जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है। सिर्फ एक मरीज की उंगली में पल्स ऑक्सीमीटर लगाकर जांच करते हुए फोटो ले ली जाती है। मरीजों को मिलने वाला खाना भी निमभनस्तर का है। नाश्ते के नाम पर 20 मरीजों के लिए एक लीटर चाय आती है और दो-दो बिस्कुट के पैकेट।

जिला प्रशासन की ओर से कोतवाली शहर थाना क्षेत्र के गांव स्वाहेड़ी स्थित मंडलीय राजस्व प्रशिक्षण केंद्र में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। यहां पर जिले के एसिंप्ट्रोमेटिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया जाता है। वर्तमान में दस दिन भर्ती करने के बाद इन मरीजों को उनके घरों के लिए रवाना कर दिया जाता है। रविवार को कोविड केयर सेंटर की तीसरी मंजिल पर भर्ती मरीजों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर प्रशासन की ओर से कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं की पोल खोल कर रख दी। यहां पर करीब नौ दिन से भर्ती नहटौर क्षेत्र के एक गांव निवासी मरीज ने बताया कि उनके आने के दिन से आज तक कमरे में एक दिन भी झाड़ू नहीं लगी। नमाज पढ़ने के लिए पहले खुद ही फर्श साफ करना पड़ता है।
आरोप है कि यहां भर्ती होने वाले नए मरीजों को बेड तक तैयार नहीं मिलते। बेड पर पुराने मरीज की ही चादर बिछी मिलती हैं और वहां पर उसी का सामान रखा होता है। कोविड केयर सेंटर में आने वाले नए मरीजों को ही चादरें थमा दी जाती हैं, वे ही चादरें बिछाते हैं और साफ-सफाई आदि का कार्य भी उन्हें ही करना होता है। रविवार को जब इन मरीजों ने हंगामा किया और वीडियो वायरल की तो हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने वहां पहुंचकर अपने सामने ही साफ-सफाई कराई।

यहां भर्ती तीन मरीजों ने फोन पर बताया कि टॉयलेट की सफाई नहीं होती। वे खुद ही पानी डालकर सफाई करते हैं। रोजाना सुबह को 20 मरीजों के लिए मात्र एक लीटर चाय आती है। प्रत्येक मरीज को बिस्कुट के दो-दो पैकेट दिए जाते हैं। इसके बाद दोपहर में करीब दो बजे खाना आता है। खाने में दाल-सब्जी की क्वालिटी बढ़िया नहीं होती है। फिर शाम को चार से पांच बजे के बीच ही रात का खाना आ जाता है। इसके बाद और पहले कुछ नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि किसी की कोई जांच नहीं होती। दोपहर में खाने के साथ दवाई के नाम पर प्रत्येक मरीज को एक पुड़िया दी जाती हैं। इसमें विटामिन बी कॉम्लेक्स की एक, विटामिन सी की भी एक और एक ही टेबलेट एसीलौक या इससे मिलती जुलती गोली होती है। दवा के नाम पर बाकी कुछ नहीं दिया जाता।

व्यवस्थाएं परखने को ही रोजाना लेते हैं दो राउंड
सीएमओ डॉ. विजय कुमार यादव ने बताया कि सभी आरोप निराधार हैं। वे कोविड केयर सेंटर की व्यवस्थाएं परखने के लिए प्रतिदिन दो बार एल-1 अटैच फैसिलिटीयुक्त कोविड केयर सेंटर जाते हैं। प्रतिदिन हर मरीज को चार बार खाने पीने का सामान दिया जाता है। शुरुआत में ही मरीज को जरूरी सामान की किट दी जाती है, इसमें नहाने और कपड़े धोने का साबुन, तेल की शीशी, मंजन, ब्रश आदि सामान होता है। उन्होंने बताया कि शासन से 100 रुपये प्रति मरीज के हिसाब से डाइट आती है। इसी के अनुरूप हर मरीज को गुणवत्तायुक्त सुबह का चाय-नाश्ता, दोपहर का खाना (दाल, चावल, दस रोटी), शाम को चाय नाश्ता और फिर इसके बाद रात का खाना दिया जाता है। इसके अलावा रोजाना वार्डों और टॉयलेट, बाथरूम आदि की साफ सफाई होती है और बेड की चादरें भी रोजाना ही बदली जाती हैं।


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