UP Budget 2022-23 : योगी आदित्यनाथ सरकार ने पेश किया अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट, छह लाख, 15 हजार करोड़ का बजट

- Budget Of Yogi Adityanath Government For 2022-23 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट को पटल पर रखा। उनके साथ वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में बजट को पेश किया। योगी आदित्यनाथ सरकार के वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट छह लाख 15 हजार करोड़ का है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानमंडल के बजट सत्र में तीन दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद आज यानी गुरुवार को योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। बजट पेश करने से पहले प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने आवास पर पूजा पाठ किया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर बजट को हरी झंडी दी गई।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के विधानमंडल के बजट सत्र में तीन दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद आज यानी गुरुवार को योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। बजट पेश करने से पहले प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने आवास पर पूजा पाठ किया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर बजट को हरी झंडी दी गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब 11 बजे बजट को पटल पर रखा। उनके साथ वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में बजट को पेश किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने छह लाख, 15 हजार करोड़ का बजट पेश किया। सरकार ने भारी भरकम बजट पेश किया। इसके बाद वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सदन में बजट भाषण दिया। इस बजट के केन्द्र में भाजपा का लोक कल्याण संकल्प पत्र होगा है। प्रदेश सरकार इस बजट से वर्ष 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के लिए पुख्ता जमीन तैयार करने के प्रयास में हैं।
बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार के इस द्वितीय कार्यकाल के पहले वित्तीय वर्ष 2022-2023 का बजट इस सम्मानित सदन के समक्ष प्रस्तुत करते हुये मैं प्रदेश की जनता का अभिनन्दन करना चाहूंगा जिसने हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में किये गये जन कल्याण और विकासोन्मुखी कार्य को देखते हुये जाति धर्म और समुदाय के समीकरण को नकारकर उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा को बनाये रखने के लिये भारतीय जनता पार्टी में विश्वास कायम रखते हुये हमें पुन: सेवा का अवसर प्रदान किया है।
प्रदेश के इतिहास में ऐसा 37 वर्षों के बाद हुआ है जब किसी पार्टी को लगातार दो बार प्रदेश की जनता ने सरकार बनाने के लिये चुना हो। हमारी सरकार का वर्ष 2017-2018 से 2021-2022 का कार्यकाल हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में सफलताओं और प्रदेश के दीर्घकालिक व सतत् विकास की नीतियों के प्रतिपादन और निष्पादन का रहा है। हमने प्रदेश में कानून का राज कायम किया है। माफिया, गुडों तथा दंगाईयों के आतंक से जनसामान्य को राहत दिलाया है। प्रदेश में उद्योग धंधों को बढ़ावा दिया गया। इसके साथ ही आधुनिक तकनीकों के प्रयोग को शासन – प्रशासन और सामान्यजन के मध्य बढ़ावा दिया गया, अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार किया गया, चिकित्सा सुविधाओं विशेषकर कोविड- 19 जैसी वैश्विक महामारी की चुनौती से निपटने और अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम और इलाज के क्षेत्र में विश्वस्तरीय कीर्तिमान स्थापित किये गये।
खन्ना ने कहा कि पिछले दो वर्षों में पूरे विश्व और देश के साथ उत्तर प्रदेश में कोविड -19 जैसे वैश्विक महामारी का जिसके समक्ष विश्व की बड़ी श1ितयाँ कहे जाने वाले देश बेबस और लाचार नजर आये की विभीषिका को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कुशल मार्ग निर्देशन में बड़ी सूझबूझ और धैर्य के साथ सामना किया। प्रशासन तंत्र और हमारे देशवासी व प्रदेशवासी इस चुनौतीपूर्ण समय में कंधे से कंधा मिला कर खड़े रहे। ऐसी परिस्थितियों में ही नेतृत्व की परीक्षा होती है। यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी ने अद्भुत नेतृत्व प्रदान किया जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गयी। मैं इन दोनों अप्रतिम नेताओं को यह पवितयों समर्पित करता हूं
वह पथ क्या , पथिक कुशलता क्या,
जिस पथ में बिखरे शूल न हों,
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या
जब धाराएं प्रतिकूल न हों।।
पिछले दो वित्तीय वर्षों के बजट के साथ ही खन्ना चालू वित्तीय वर्ष के लिए पिछले वर्ष 16 दिसंबर को चार माह का लेखानुदान पेश कर चुके हैं।
सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल के पहले वर्ष में प्रदेश के 86 लाख लघु और सीमान्त किसानों के फसली ऋण का मोचन कराया गया। गन्ना मूल्य भुगतान में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। हमारी सरकार ने पेराई सत्र 2017-2018 से 2021-2022 तक के सापेक्ष 16 मई , 2022 तक 01 लाख 72 हजार 745 करोड़ रूपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जो एक कीर्तिमान है। इसमें पहले वर्षों की 10 हजार 662 करोड़ रूपये की धनराशि भी शामिल है। यह धनराशि वर्ष 2012 से 2017 के मध्य हुये गन्ना मूल्य भुगतान से हजार 500 करोड़ रूपये अधिक है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 250 करोड़ किसानों को 6000 रूपये वार्षिक आर्थिक सहायता दिलाकर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। हमने इन्वेस्टर्स समिट -2018 का आयोजन कराया जिसमें प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रूपये तक के निवेश प्रस्तावों में से लगभग तीन लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में है। इन निवेशों से पांच लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। प्रदेश में तीन 03 जून को इन्वेस्टर्स समिट की तीसरी ग्राऊण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में 75 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जायेगा।
खन्ना ने कहा कि कोविड कालखण्ड में औद्योगिक निवेश की गति को बनाये रखने हेतु विशेष हेल्प डेस्क संचालित किया गया। राज्य सरकार एक्सप्रेस-वे जलमार्ग हवाई अड्डों तथा अन्य मल्टी मोडल परियोजनाओं के माध्यम से विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे तथा निर्बाध कनेक्टिविटी के विकास को सुनिश्चित करते हुए त्वरित अवस्थापना विकास को बढ़ावा दे रही है। उत्तर प्रदेश पांच एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है। लखनऊ एवं वाराणसी में वर्तमान अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो तथा कुशीनगर में नवीन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ ही जेवर में नोएडा ग्रीन फील्ड अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ उत्तर प्रदेश शीघ्र ही 5 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला देश का पहला प्रदेश बन जायेगा। विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं जैसे- मेडिकल डिवाइस पार्क, बल्क ड्रग पार्क, धनवन्तरि हेल्थ पार्क, अमृतसर- कोलकता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर, आईआईटी, जीएनएल ग्रेटर नोएडा, फिल्म सिटी की स्थापना, मेगा फूड पार्क, ट्रांस गंगा सिटी प्लास्टिक सिटी, गारमेन्ट पार्क, लॉजिस्टिक्स हब, टॉय पार्क, हस्तशिल्प पार्क, फ्लैटेड फैक्टरियां आदि के सम्बन्ध में द्रुत गति से कार्यवाही प्रचलित है।
प्रदेश के सभी जनपदों के उत्पादों एवं पारम्परिक शिल्पों के समग्र विकास के लिए संचालित ‘एक जनपद- एक उत्पाद’ (ओडीओपी) के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश से होने वाला निर्यात 88 हजार करोड़ रूपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रूपये हो गया है। यह हर्ष का विषय है कि उत्तर प्रदेश एक उत्कृष्ट निवेश डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है । इस दिशा में राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में अभूतपूर्व प्रगति करते हुए देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सदन में कहा कि प्रदेश स्तर पर अन्तर्जनपदीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी संचालित किये जाने के उपरान्त भारत सरकार की ‘वन नेशन वन राशन कार्ड योजना’ के अन्तर्गत प्रदेश में राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा माह मई, 2020 से लागू है जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के कार्ड धारक अन्य राज्यों की किसी भी उचित दर की दुकान से अपना खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। मई 2020 से मार्च 2022 तक अन्य राज्यों के 37.971 राशन कार्डधारकों द्वारा उत्तर प्रदेश से तथा उत्तर प्रदेश के 8,99,798 कार्डचारकों द्वारा अन्य राज्यों से अपना खाद्यान्न प्राप्त किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आच्छादित 3.58 करोड़ अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को निःशुल्क खाद्यान्न के साथ-साथ आयोडाइज्ड नमक , साबुन , चना एवं खादय तेल दिसम्बर 2021 से मार्च , 2022 तक निःशुल्क वितरित कराया गया, जिस पर लगभग 4801 करोड़ रूपये का व्यय हुआ। इस योजना से प्रदेश के लगभग 15 करोड़ लोग लाभान्वित हुये। यह देश का विशालतम खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम है जिसका विस्तार अप्रैल 2022 से जून 2022 तक कर दिया गया है। प्रदेश के 15 करोड़ निर्धन व्यक्तियों को मुफ्त अनाज तथा 03 करोड़ मजदूरों को मार्च, 2022 तक 500 रूपये प्रतिमाह का भत्ता और 98 लाख नागरिकों को 1000 रूपये प्रतिमाह का मत्ता दिया गया।
खन्ना ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की 167 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने वाला देश का पहला प्रदेश बना। पिछले 05 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 42 लाख 50 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 2 करोड़ 61 लाख शौचालयों का निर्माण कराकर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। सौभाग्य योजना के अन्तर्गत 01 करोड़ 41 लाख मुफ्त विद्युत कनेक्शन दिये गये । एण्टी भू – माफिया अभियान के अन्तर्गत 64 हजार 399 हेक्टेयर भूमि अवैध कब्जे से मुक्त करायी गयी है। 2471 अतिक्रमणकर्ताओं को भू – माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है । वर्तमान में 186 भू-माफिया जेल में निरूद्ध हैं तथा 4274 अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गयी है।
पाँच वर्षों के हमारे कार्यकाल में प्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी से निकलकर देश के अग्रणी राज्यों में आ चुका है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस भावना के साथ काम किया है और कर रही है और तभी हम यह दावा कर सकते हैं कि
“जब तलक भोर का सूरज नजर नहीं आता,
काम मेरा है उजालों की हिफाजत करना।
मेरी पीढ़ी को एक चिराग बनके जलना है,
जिसका मजहब है अंधेरों से बगावत करना।।