लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन के कारण पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद सीबीएसई तथा आइएससी के कक्षा 12 की परीक्षा के रद करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इंटरमीडिएट की परीक्षा को रद कर दिया है। इसके आगे की रणनीति की घोषणा शाम को की जाएगी।

उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने हाई स्कूल के बाद इंटरमीडिएट की परीक्षा भी निरस्त कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड महामारी की वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हमने कक्षा 12वीं की परीक्षा को रद करने का यह निर्णय लिया है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा।

सीएम योगी के साथ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा समेत शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के साथ करीब 30 मिनट बैठक चली। 10:30 बजे शुरू हुई बैठक 11:00 बजे समाप्त हुई। शिक्षा बोर्ड की कमेटी ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने पेश की। इसमें परीक्षा रद करने के बाद परीक्षार्थियों के अन्य विकल्प के सुझाव दिए गए हैं। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ करीब आधा घंटा की बैठक के बाद प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक परिषद यानी यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा को भी रद कर दिया। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा अराधना शुक्ला तथा शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद थीं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के करीब सौ वर्ष के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कक्षा 10 तथा कक्षा 12 की परीक्षा को रद किया गया। अब यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट के विद्यार्थी भी अगली कक्षाओं में प्रोन्नत होंगे। औपचारिक घोषणा शाम तक की जाएगी लेकिन विद्यार्थियों की प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है।

क्या बोले डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा

डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीबीएसई की परीक्षा के रद करने के ऐलान के बाद हम भी तैयारी कर रहे थे। पीएम मोदी के लिए हमेशा से ही बच्चों का भविष्य और स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता रही है। कोरोना काल की परिस्थितियों को देखते हुए बच्चों के हित में लिए गए इस निर्णय से न केवल बच्चों को बल्कि उनके अभिभावकों को भी राहत मिलेगी। यह निर्णय भी उसी दिशा में लिया गया कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार पहले ही कक्षा 6 से लेकर कक्षा 11 की परीक्षा को रद कर चुकी थी। स्टूडेंट्स को प्रमोट किया है। अब जल्द ही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10 व कक्षा 12 के बच्चों के बारे में फैसला लेंगे। बोर्ड ने कक्षा 12 की फरवरी में हुई प्रीबोर्ड परीक्षा का रिकॉर्ड मांगा है। बोर्ड सचिव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षक से 28 मई की शाम तक वेबसाइट पर अंक अपलोड करने का निर्देश दिया था

हाई स्कूल के बाद इंटर के विद्यार्थी भी प्रोन्नत

यूपी बोर्ड हाईस्कूल के 29.9 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा निरस्त कर उन्हेंं पहले ही प्रोन्नति देने का फैसला किया है। अब इटरमीडिएट के 26.1 लाख विद्यार्थियों को भी प्रोन्नति दी जाएगी। यूपी बोर्ड ने इसकी तैयारी पहले से ही कर ली थी। यूपी बोर्ड के सचिव ने 22 मई को ही सभी कालेजों से कक्षा 12 की प्रीबोर्ड और 11 की छमाही व वार्षिक परीक्षा के अंक मांगे थे। इस निर्देश पर 28 मई तक अधिकांश स्कूल छात्र-छात्राओं के अंक का ब्योरा भेज चुके हैं। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने 22 मई को ही सभी स्कूलों से क्लास 12 के प्री-बोर्ड और 11वीं के छमाही व वाॢषक परीक्षा के अंक मांगे थे, 28 मई तक अधिकांश स्कूल छात्र-छात्राओं के अंक डाटा भी ऑनलाइन पोर्टल पर फीड कर दिया।

इंटर में 26 लाख से अधिक परीक्षार्थी

यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा के लिए 26,09,501 स्टूडेंट्स पंजीकृत हैं। बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षाएं पहले ही रद कर दी गई हैं। सीबीएसई के बाद आईसीएसई ने भी 12वीं की परीक्षाएं रद करने की घोषणा की थी। इस वर्ष यूपी बोर्ड में करीब 56 लाख छात्र-छात्राएं ( 29,94,312 छात्र हाईस्कूल में पंजीकृत, 26,09,501 छात्र इंटरमीडिएट में पंजीकृत) हैं। हाईस्कूल की परीक्षा पहले रद कर दी गई थी। अब 12वीं की परीक्षा भी रद कर दी गई है। छात्र संख्या के हिसाब से यूपी बोर्ड देश का सबसे बड़ा परीक्षा बोर्ड है।

मूल्यांकन के दो विकल्प

यूपी बोर्ड के 12वीं के छात्र-छात्रा का मूल्यांकन पिछली दो कक्षाओं (10वीं और 11वीं) की अंतिम परीक्षाओं और 12वीं की आंतरिक परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर हो सकता है। या फिर कक्षा 10वीं के बोर्ड के परिणाम को कुछ वेटेज दिया जा सकता है और कुछ वेटेज कक्षा 12वीं के आंतरिक मूल्यांकन को दिया जाएगा।