लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 10वीं और 12वीं के परिणाम के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परिणाम अब जुलाई में नहीं, बल्कि अगस्त के पहले सप्ताह में आने के आसार हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग को नए पैटर्न के परिणाम पर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग, सीबीएसई का परिणाम भी पहले देख लेना चाहता है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते यूपी बोर्ड में हाईस्कूल के 29.94 लाख और इंटरमीडिएट के 26.1 लाख से अधिक विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के उत्तीर्ण किया जाना है। यूपी बोर्ड ने 10वीं बोर्ड के परीक्षार्थियों को 9वीं के 50 प्रतिशत व 10वीं की प्री-बोर्ड के 50 प्रतिशत अंक देकर उत्तीर्ण करने की गाइडलाइन तैयार की है। ऐसे ही इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को 10वीं के 50 प्रतिशत, 11वीं के 40 व 12वीं प्री-बोर्ड के 10 प्रतिशत अंक देकर उत्तीर्ण करने की गाइडलाइन के आधार पर परिणाम लगभग तैयार कर लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस वर्ष मेरिट जारी नहीं होगी। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पहली बार बिना परीक्षा के बोर्ड का परिणाम जारी किया जाना है। तैयार परिणाम पर मुख्यमंत्री से विचार विमर्श होना है। सीएम योगी से विचार विमर्श होने के तीन दिन बाद परिणाम जारी किया जाएगा। ऐसे में अब अगस्त के पहले सप्ताह में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परिणाम एक साथ जारी होने की उम्मीद है।
सीआइएससीई के 10वीं व 12वीं के परिणाम घोषित होने के बाद से यूपी बोर्ड के 56 लाख से अधिक विद्यार्थियों की उत्सुकता बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी बोर्ड को 31 जुलाई तक 12वीं का परिणाम जारी करने का आदेश दिया है। इस निर्धारित तिथि में मात्र चार दिन बचे हैं, लेकिन यूपी बोर्ड अब तक परिणाम जारी करने की तिथि नहीं घोषित कर सका है। अब तक इंटरमीडिएट के रोल नंबर वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए जा सके हैं, जबकि हाईस्कूल के रोल नंबर 10 जुलाई को अपलोड हो गए थे। बोर्ड का कहना है कि 10वीं और 12वीं के रोल नंबर पहले ही स्कूलों को भेज दिए थे, लेकिन छात्रों की सुविधा के लिए वेबसाइट पर भी इसे अपलोड कर रहे हैं।