लखनऊ । भगवा आंधी में लगातार विपक्षी दलों की जमीन खोखली करती गई भारतीय जनता पार्टी इस विधानसभा चुनाव में भी प्रचंड बहुमत का पुराना परिणाम दोहराना चाहती है। जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर बिसात बिछाना तो कई दिनों से चल रहा है, लेकिन अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुके पार्टी हाईकमान ने चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ सात सह-प्रभारी और छह क्षेत्रीय संगठन प्रभारियों को मोर्चे पर खड़ा कर दिया है। इनमें लगभग सभी पुराने संगठनकर्ता और अनुभवी हैं।
अगले वर्ष चुनाव तो पांच राज्यों में होने जा रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश को लेकर भाजपा नेतृत्व खास तौर पर गंभीर है। यही वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद कहे जाने वाले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को यहां का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। वह अच्छे रणनीतिकार हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का आकर्षण युवाओं में है। उनके सहित पड़ोसी राज्य के अनुभवी नेता केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर और हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को सह-प्रभारी बनाया गया है।
सह-प्रभारी के रूप में ही तीन महिलाओं को भी लगाकर पार्टी ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि आधी आबादी के लिए पूरी ताकत लगाई जाएगी। यह जिम्मेदारी केंद्रीय कृषि कल्याण राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे, केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी और राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय संभालेंगी। इनमें सरोज पांडेय भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी हैं।
भाजपा संगठन का ढांचा बूथ स्तर तक बनाकर उसका सत्यापन भी कर चुकी है। अब चुनाव के मद्देनजर संगठन के सभी कार्यक्रम और अभियानों को जमीनी स्तर तक सफलता से उतारने के लिए सभी छह क्षेत्रों के संगठन प्रभारी भी बना दिए गए हैं। इनमें सांसद संजय भाटिया को पश्चिम, बिहार के विधायक संजीव चौरसिया को ब्रज, राष्ट्रीय मंत्री वाय. सत्या कुमार को अवध, राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष सुधीर गुप्ता को कानपुर, राष्ट्रीय मंत्री व बंगाल के सह प्रभारी अरविंद मेनन को गोरखपुर और प्रदेश के सह-प्रभारी की जिम्मेदारी देख रहे सुनील ओझा को काशी क्षेत्र का संगठन प्रभारी बनाया गया है। क्षेत्रों में लगाए गए यह संगठन प्रभारी जमीनी पकड़ वाले कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं।