नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव कांड मामले में दुष्कर्म पीड़िता और उसके स्वजन के साथ वर्ष 2019 में हुई सड़क दुर्घटना में भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर समेत छह लोगों को सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया। जबकि, कोर्ट ने ट्रक चालक समेत चार आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किया है। 28 जुलाई 2019 को रायबरेली में जेल में बंद चाचा से मिलने जा रही दुष्कर्म पीड़िता की कार को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इस कार में सवार पीडि़ता की चाची, मौसी समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।
घटना के बाद पीड़िता के चाचा ने पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। घटना की जांच कर रही सीबीआइ ने इसे महज एक हादसा बताया था। उसकी जांच में सामने आया था कि हादसे को अंजाम देने के लिए कोई साजिश नहीं रची गई थी।
इन लोगों के खिलाफ आरोप तय
इस मामले में सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी रविंद्र कुमार पांडेय के कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह उर्फ प्रखर सिंह और अवधेश सिंह को बरी करते हुए कहा कि इनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है। लेकिन कोर्ट ने आरोपित ट्रक चालक आशीष कुमार पाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए (लापरवाही से वाहन चलाने के कारण किसी व्यक्ति की मौत), धारा 338 (उतावलेपन में किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने) का आरोप तय किया है। वहीं आरोपित विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ धमकी देने का आरोप तय किया है।
बता दें, 2017 में नाबालिग से दुष्कर्म के एक अलग मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। वह जेल में सजा काट रहे हैं।