“कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने की भारी चूक”, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साधा निशाना

“कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने की भारी चूक”, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साधा निशाना

नई दिल्ली में आयोजित ‘रेसिना डायलॉग’ में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कश्मीर के मसले पर संयुक्त राष्ट्र (UN) के दोहरे रवैये पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि यूएन ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी भूमिका में भारी चूक की है और कश्मीर पर पश्चिमी देशों का रुख ठीक नहीं रहा है। एस जयशंकर ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सबसे लंबे समय तक चले अवैध कब्जे का अनुभव भारत ने कश्मीर में किया है।

उन्होंने बताया कि जम्मू और कश्मीर राज्य, जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, ने 1947 में भारत से जुड़ने का फैसला लिया था, लेकिन पाकिस्तान ने एकतरफा आक्रमण कर इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और आज भी स्थिति वही है।

इन देशों का लिया नाम

कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के रुख पर कटाक्ष करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “कश्मीर पर आक्रमण को एक विवाद में बदल दिया और हमलावर (पाकिस्तान) एवं पीड़ित (भारत) को एक ही स्तर पर रख दिया।” उन्होंने कहा कि यह नाइंसाफी यूके, कनाडा, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि इस विषय में गंभीर पुनर्विचार की आवश्यकता है।

“संयुक्त राष्ट्र के लिए निष्पक्षता जरूरी”

उन्होंने कहा, “हमें एक व्यवस्था की जरूरत है, उसमें निष्पक्षता होनी चाहिए। हमें एक मजबूत संयुक्त राष्ट्र चाहिए, लेकिन एक मजबूत संयुक्त राष्ट्र के लिए निष्पक्षता जरूरी है। एक मजबूत वैश्विक व्यवस्था के लिए कुछ बुनियादी मानकों की स्थिरता होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी देश अंतरराष्ट्रीय आदेश को चुनौती न दे सके।”

“म्यांमार में सैन्य शासन स्वीकार्य नहीं, लेकिन…”

जयशंकर ने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत के पूर्वी पड़ोसी म्यांमार में सैन्य शासन है, जो उनकी दृष्टि में स्वीकार्य नहीं है। हालांकि, उन्होंने पश्चिमी पड़ोसी देशों का जिक्र करते हुए कहा कि “वह ठीक लगते हैं।”


विडियों समाचार

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