केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदार ने थामा कांग्रेस का हाथ, हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस मजबूत
New Delhi : हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का कुनबा बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हरियाणा यूथ कांग्रेस ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि रमित खट्टर ने रोहतक के विधायक भारत भूषण बत्रा की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ली।
यूथ कांग्रेस का बयान
हरियाणा यूथ कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पहले ट्विटर) पर इस खबर की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, “हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। कांग्रेस परिवार ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।” रमित खट्टर, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के भाई जगदीश खट्टर के बेटे हैं।
भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला
आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। भाजपा जहां तीसरी बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस 10 साल के सियासी वनवास के बाद फिर से सरकार बनाने की तैयारी में है। आम आदमी पार्टी भी अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है, हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही देखा जा रहा है।
आप-कांग्रेस गठबंधन की चर्चा रही थी
एक समय पर, हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की चर्चाएं तेज थीं। दोनों पार्टियों ने इस बारे में कई बैठकें भी कीं, लेकिन सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आम आदमी पार्टी 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, जबकि कांग्रेस उन्हें सिर्फ 5 सीटें देने को तैयार थी, जिससे गठबंधन नहीं हो सका।
2019 का चुनावी गणित
2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 40 सीटें मिली थीं, जबकि बहुमत के लिए 45 सीटों की जरूरत थी। कांग्रेस ने 31 सीटें जीतीं थीं। भाजपा ने सरकार बनाने के लिए दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ गठबंधन किया। जजपा के 10 विधायक भाजपा के साथ मिलकर सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए थे। इस बार भाजपा को सत्ता विरोधी लहर और आंतरिक कलह का सामना करना पड़ रहा है, जिससे कांग्रेस को फायदा हो सकता है।
रमित खट्टर का कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है, जो चुनाव के समीकरणों को बदल सकता है।