केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने संजय राउत पर साधा निशाना, शिवसेना विभाजन का लगाया आरोप

केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने संजय राउत पर साधा निशाना, शिवसेना विभाजन का लगाया आरोप
  •  केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने कहा कि शरद पवार (sharad pawar) ने नहीं बल्कि संजय राउत (Sanjay Raut) ने शिवसेना को तोड़ा है। अठावले ने कहा उद्धव ठाकरे ने राउत के इशारे पर ही राकांपा (NCP) के साथ गठबंधन किया था।

मुंबई। Maharashtra Politics: केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने पार्टी में विभाजन के लिए शिवसेना (Shiv sena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राउत के इशारे पर ही राकांपा के साथ गठबंधन किया।

समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए अठावले ने कहा, “यह शरद पवार (Sharad Pawar) नहीं बल्कि संजय राउत थे जिन्होंने शिवसेना को तोड़ा। उद्धव ठाकरे ने संजय राउत के कहने पर ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ जाने का फैसला किया।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर शिवसेना और राकांपा एक साथ नहीं आते तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना की सरकारें महाराष्ट्र में आ जातीं।

अठावले ने कहा, “अगर शिवसेना और राकांपा एक साथ नहीं आते महा विकास अघाड़ी कभी नहीं बनती और महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की सरकार होती।”

पहले रामदास कदम ने शरद पवार पर लगाया था आरोप

इससे पहले, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रामदास कदम ने आरोप लगाया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना को तोड़ा और कहा कि पवार ने पार्टी को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है।

कदम ने कहा, ‘यह हम में से किसी को भी मंजूर नहीं था कि शिवसेना प्रमुख का बेटा राकांपा और कांग्रेस के मंत्रियों के साथ बैठे। अगर एकनाथ शिंदे ने यह कदम नहीं उठाया होता तो शिवसेना के पास 10 विधायक भी नहीं होते।’

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रामदास कदम ने कहा, “मैंने पार्टी में 52 साल काम किया और अंत में मुझे निकाल दिया गया। मैं एकनाथ शिंदे के साथ आए विधायकों को धन्यवाद देना चाहता हूं ।”

इस बीच राहुल शेवाले (Rahul shewale) ने कहा, ”उद्धव ठाकरे भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (Narender Modi)  के साथ बैठक एक घंटे तक चली लेकिन शिवसेना के कुछ विधायकों के गतिरोध के कारण ऐसा नहीं हो सका।”

इस बीच राहुल शेवाले ने कहा, ”उद्धव ठाकरे भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक एक घंटे तक चली लेकिन शिवसेना के कुछ विधायकों के गतिरोध के कारण ऐसा नहीं हो सका।”

इसका जवाब देते हुए मंत्री ने आगे कहा कि जब शिवसेना एनसीपी के साथ गई थी, “मैंने यह कहा था कि यह बालासाहेब उद्धव ठाकरे के फैसले के खिलाफ है। अगर शुरू में उद्धव ठाकरे भारतीय जनता पार्टी के साथ आते और उपमुख्यमंत्री का पद लेते तो कोई गतिरोध नहीं होता।

 


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